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जल जंगल जीवन के आधार विषय पर ब्याखान गोष्ठी

गोपेश्वर। सर्वोदयी संस्था सी पी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र के तत्वावधान में इंदिरा प्रियदर्शनी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित विद्यालय रा .ई .का .अल्कापुरी में सर्वोदायी नेता, समाजसेवी एवं चिपको आंदोलन के महत्वपूर्ण स्तंभ रहे स्व.आलम सिंह बिष्ट की स्मृति में “वन एवं जल, जीवन के आधार” विषय पर ब्याखान गोष्ठी का आयोजन किया गया।

व्याख्यान गोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवा दे चुके जड़ी बूटी शोध संस्थान के पूर्व निदेशक एवं वर्तमान में हे. नं .ब.गढ़वाल विश्व विद्यालय में वानिकी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. आर .सी .सुंदरियाल ने छात्र- छात्राओं को वन पर्यावरण एवं हिमालय के बारे में विस्तार से जानकारी  दी !

डॉ. आर .सी .सुंदरियाल ने कहा कि जल एवं जंगल ही हमारे जीवन के महत्वपूर्ण आधार है। वन जहाँ प्राण वायु के स्रोत है वही वातावरण से कार्बन के अवशोसक भी है।ये हमारी जल सहित लगभग अन्य सभी जरूरतों को पूरा करते है।

हिमालय हमारी सदानीरा नदियों के उद्गम स्रोत होने के साथ ही सदाबहार वनों का घर भी है। वन एवं जल के प्रति हमें अभी से संवेदनशील होना ही होगा।

यदि अभी हम इनके प्रति गंभीरता पूर्वक संवेदंशील नही हुए तो भविष्य में हमें व आने वाली पीढ़ी को शुद्ध जल एवं वायु समस्याओं से दो चार होना पड़ेगा।

इसी क्रम में उन्होंने छात्रों से यह भी कहा कि वे मेहनत करने से घबराये नहीं तथा जीवन में हमेशा ऊँचा ख्वाब देखें। कड़ी मेहनत से ऊँचे ख्वाब साकार होते हैं।

गोष्ठी में कार्यक्रम के आयोजक सी. पी. भट्ट. पर्यावरण एवं विकास केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने विकास केंद्र द्वारा संचालित गतिविधियों की जानकारी देने के साथ ही बताया की विकास केंद्र प्रतिवर्ष व्याख्यान कार्यक्रमों के माध्यम से जहाँ एक ओर क्षेत्रीय स्तर पर वैश्विक छाप छोड़ने वाले तथा सामाजिक सरकारों से जुड़े हमारे इन समाजसेवी पुरोधाओं को नयी वर्तमान पीढ़ी से अवगत कराने का प्रयास है!

वही दूसरीओर उनमे पर्यावरणीय संचेतना विकसित कर उन्हें अपने जल एवं जंगल के प्रति संवेदनशील बनाना है।

इस दौरान कार्यक्रम में डॉ अरविंद भट्ट ने छात्रों को आलम सिंह बिष्ट के जीवन परिचय पर विस्तार से प्रकाश डालने के साथ ही उनके द्वारा सामाजिक क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी।

ब्याख्यान गोष्ठी में गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए चिपको आंदोलनकारी तथा सर्वोदयी नेता मुरारी लाल द्वारा छात्र- छात्राओं को चिपको आंदोलन के दौरान के अपने संस्मरणो से अवगत कराया।

इससे पूर्व कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत मुख्य अथिति द्वारा दीप प्रज्वलन तथा विद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वागतगान से हुई।कार्यक्रम में संस्थान द्वारा मुख्य अथिति को कलश , प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्र भी भेंट किया गया।

विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम मे विद्यालय के प्रधानाचार्य डी.एस.भंडारी, जड़ी बूटी शोध संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सी पी कुनियाल,महाविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शिव चंद सिंह रावत, मंगला कोठियाल,हरिश्चंद्र डिमरी,मदन सिंह नेगी, हरिश्चंद् पंत, आलम चंद ,श्रीमती दीपा बिष्ट ,बीएन खाली, देशराज सिंह नेगी ,सच्चिदानंद सती माधव सिंह नेगी श्रीमती बीना भंडारी मनोरमा डिमरी सरिता वशिष्ठ अरविंद जगदीश राम सैलानी हीरालाल आर्य महिपाल अस्वाल सुरेंद्र सिंह रावत आदि शिक्षक एवं एनसीसी के कैडेट्स व समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।