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डॉक्टर-फार्मासिस्ट न होने से मरीजों को हो रही परेशानी, एकमात्र फार्मासिस्ट की भी लग गई अन्यत्र ड्यूटी

रुद्रप्रयाग:  विकासखंड जखोली के कुनियाली (सिलगढ़) में स्थित राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय के भवन पर ताला लटक गया है। यहां डॉक्टर तो दूर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक नहीं है। ऐसे में बीमार लोगों को खासी परेशानी हो रही है।

राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय कुनियाली में एक डॉक्टर, फार्मासिस्ट, वार्डबॉय व स्वीपर का पद सृजित है। लेकिन यहां डॉक्टर तो दूर एक भी कर्मचारी नहीं है। यहां सेवा दे रहे फार्मासिस्ट की ड्यूटी भी अन्यत्र लगने से मरीजों को खासी परेशानी हो रही है। खासकर बुखार, खांसी और डायरिया जैसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को दिक्कतें हो रही हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता अजयपाल सिंह पंवार ने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सालय पर करीब 20 गांवों के ग्रामीण निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि यहां स्वीकृत पदों के सापेक्ष डॉक्टर और कर्मचारियों की नियुक्ति की जाय। तभी लोगों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में कई बार पत्राचार के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। आम जनता को नार्मल बीमारी होने पर भी जिला चिकित्सालय जाना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी गरीब मरीजों को होती है, जो अस्पताल जाने में सक्षम नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किए जाने की जरूरत है। जहां स्टॉफ की कमी है, वहां उसकी भरपाई की जाय और लोगों को बेहतर सुविधाएं दी जाये।