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उषा ब्रेको को 30 साल के लिए रोपवे के जिम्मे पर बवाल

-नगर निगम ने विवादित कंपनी को दिया मनसा देवी रोपवे संचालन 
-पार्षदों ने  अधिकारियों से लगाई जांच की गुहार
-अपने निणर्य पर अड़ी हरिद्वार नगर निगम मेयर

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर के लिए उषा ब्रेको नाम की कंपनी रोपवे सेवा देती है। इसकी लीज अवधि खत्म हो गई है।

हाल ही में हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में बिना टेंडर निकाले उषा ब्रेको कंपनी को ही फिर से रोपवे संचालन का जिम्मा सौंप दिया गया।

प्रस्ताव को बकायदा बोर्ड बैठक में पास कराया गया। लेकिन ज्यादातर पार्षदों को ये नागवार गुजरा और निगम बोर्ड की बैठक काफी हंगामेदार रही।

फैसले के विरोध में उतरे पार्षद अब शहरी विकास सचिव, जिलाधिकारी और नगर आयुक्त से मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।

खास बात यह है कि कांग्रेस की मेयर के सामने विरोध करने वाले पार्षद भाजपा के ही नहीं बल्कि कांग्रेस के भी हैं। पार्षद मेयर और निगम बोर्ड पर कंपनी से साठगांठ करके ठेका देने का आरोप लगा रहे हैं।

पार्षदों का कहना है कि उषा ब्रेको कंपनी पर 123 करोड़ रुपए बकाया चल रहे हैं। कंपनी की लीज अवधि भी समाप्त हो गई है। ऐसे में बिना टेंडर के कंपनी को दोबारा ठेका कैसे दे दिया गया।

हालांकि हरिद्वार नगर निगम की मेयर अनीता शर्मा का कहना है कि जो भी निर्णय हुआ है, वह निगम के हित में और जनहित में हुआ है। इसमें किसी भी तरह की कोई खामी नहीं है। विरोध करने वाले विरोध करते रहते हैं।

हरीश रावत को आया सपना

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी उषा ब्रेको से जुड़े सपने आने शुरू हो गए हैं।

हरीश रावत ने अपने फेसबुक पर पोस्ट किया कि कल रात उन्होंने सपना देखा। सपने में एक बावला सा व्यक्ति हाथ में अखबार लिए चिल्ला रहा है, ‘हरिद्वार में कद्दू कटा है और सबमें बंटा है’ सुबह उठकर जब मैंने फेसबुक मैसेज पढ़े तो उसमें एक मैसेज बहुत चैंकाने वाला था। उड़न खटोला की लीज 30 साल कर दी गई, और पुराने खिलाड़ी को ही दे दी गई।

क्या है उषा ब्रेको विवाद ?

बता दें कि हरिद्वार नगर निगम की बोर्ड बैठक में रोपवे कंपनी की 20 मई को खत्म हो गई लीज को पार्षदों की सहमति के बाद फिर से 30 साल के लिए बढ़ा दिया गया था।

इस प्रस्ताव पर दोनों दलों के अधिकांश पार्षदों ने हाथ उठाकर सहमति जताई थी। जबकि कुछ पार्षदों ने इसका विरोध भी किया था। पूर्व में कंपनी 59 लाख 51 हजार रुपये सालाना रॉयल्टी देती रही है।

अब सालाना तीन करोड़ रुपये की रॉयल्टी और तीन रुपये प्रति टिकट के हिसाब से कंपनी नगर निगम को देगी।

नगर निगम के बजट को लेकर बोर्ड बैठक आयोजित की गई थी। 20 मई को मनसा देवी पर रोपवे संचालित करने वाली कंपनी की नगर निगम से 30 साल की लीज समाप्त हो गई।

कंपनी की लीज बढ़ाए जाने को लेकर बोर्ड बैठक बुलाई गई। कंपनी के अधिकारी भी बैठक में बुलाए गए। पहले कंपनी की ओर से लीज का नवीनीकरण करते हुए दो करोड़ एक लाख रुपये सालाना रॉयल्टी निगम को देने का प्रस्ताव दिया गया। जिस पर पार्षदों ने असहमति जताते हुए इसे 3.15 करोड़ करने का प्रस्ताव रखा।

जिस पर भाजपा पार्षद दल के नेता प्रतिपक्ष सुनील अग्रवाल, अनिरुद्ध भाटी, राजेश शर्मा, अनिल वशिष्ठ और कांग्रेसी पार्षद अनुज सिंह, सहित कई अन्य पार्षदों ने कंपनी की लीज बढ़ाने पर हाथ उठाकर सहमति जताई।

जबकि भाजपा पार्षद राधेकृष्ण शर्मा, आशा सारस्वत, कांग्रेसी पार्षद महावीर वशिष्ठ, कैलाश भट्ट, इसरार सलमानी आदि ने विरोध जताया।

विरोध के बीच बोर्ड ने प्रस्ताव पास करते हुए तीन करोड़ रुपये सालाना रॉयल्टी करते हुए रोपवे कंपनी की लीज को 30 साल के लिए बढ़ा दिया।

इसके अतिरिक्त प्रति टिकट पर तीन रुपये की लेवी भी कंपनी नगर निगम को देगी तथा दस साल में इसकी समीक्षा होगी।

जबकि दो साल में कंपनी को 20 फीसदी किराया बढ़ाने का अधिकार भी रहेगा। 20 फीसदी किराया बढ़ाने के साथ ही रॉयल्टी में भी 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी। जबकि प्रति टिकट पर 3 रुपये की ही लेवी निगम को दी जाएगी।