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रेल रोको आंदोलन के चलते रुद्रपुर में पटरियों पर जमा हुए सैकड़ों किसान

रुद्रपुरः भारतीय किसान यूनियन सहित तमाम किसान यूनियन के कृषि कानून को लेकर, रेल रोको आंदोलन के तहत सैकड़ों किसान सोमवार को रुद्रपुर स्टेशन पहुंचे। किसानों का कहना है कि वे रेल रोक कर केंद्र सरकार और कृषि कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के अलावा अन्य किसान संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे। किसानों का प्रदर्शन सुबह से ही शुरु हो चुका है जो शाम तक चलेगा।

भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव बलजिंदर सिंह संधू ने बताया कि काशीपुर रेलवे जंक्शन पर काशीपुर के अलावा जसपुर व रामनगर के किसान स्टेशन का घेराव करेंगे। साथ ही कहा कि किसान खटीमा, रुद्रपुर सहित काशीपुर में ट्रेन की पटरी पर विरोध करेंगे। यहीं नहीं वे ट्रेन रोककर केंद्र सरकार और कृषि कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे। कहा कि कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपा गया है लेकिन लंबित मांगों के निस्तारण के लिए सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई हे।

सुबह 10 बजे से पांच बजे तक यहां से पांच ट्रेन गुजरेंगी। ऐसे में जीआरपी और आरपीएफ ने सुरक्षा के इंतजाम किए हुए है। रुद्रपुर रेलवे स्टेशन पर पांच ट्रेन जिनमे संपर्क क्रांति, शताब्दी, और चार बजे के आसपास शताब्दी एक्सप्रेस और एक पैसेंजर ट्रेन गुजरेगी। इसके साथ ही मंगलवार को विशेष ट्रेन जम्मूतवी भी यहां पहुंचेगी। इनको रोकने के लिए बारिश के चलते किसान नेता यहां स्टेशन पर बैठेंगे।इस दौरान जो भी ट्रेन आएगी उसको ट्रेक पर रोका जाएगा।

बलजिंदर सिंह संधू ने कहा सरकार यदि कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो किसान और उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। कहा सरकार की हठधर्मिता से किसान बेहद आहत हो चुका है। किसानों के आंदोलन को एक साल हो गया लेकिन सरकार के अडियल रवैये से किसानों को यह कदम उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा रेल रोको आंदोलन में बड़ी संख्या में किसानों के पहुंचने की उम्मीद है। यदि बरसात होती भी होती रहे तो भी किसान अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे और ट्रेनों को रोकेंगे।

उधर आरपीएफ प्रभारी रनदीप कुमार ने बताया कि किसान आंदोलन को लेकर आरपीएफ के अलावा जीआरपी व सिविल पुलिस का सहयोग लिया जाएगा। इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी से वार्ता हो चुकी है। किसानों ने सुबह 10 से 4 बजे तक आंदोलन का समय दिया है। इस दौरान हमारा प्रयास रहेगा कि कोई भी आंदोलनकारी रेल संपत्ति या यात्री को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाए।