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कानून व्यवस्था और भर्ती घोटाले के सवालों से बचने के लिए सदन से भागी रणछोड़ पार्टी: करन माहरा

धामी सरकार पर जमकर साधा निशाना

देहरादून: मीडिया वार्ता के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा सत्र में विपक्ष द्वारा उठाये गये मुद्दों के बारे में बातचीत की I उन्होंने इस दौरान भाजपा सरकार को जमकर घेरा I

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कांग्रेस प्रदेश म़ुख्यालय में मीडिया से हुई बातचीत में कहा कि विधानसभा सत्र में विपक्ष के मजबूत इरादों के सामने प्रचंड बहुमत की सरकार घबराहट में दिखाई दी। वहीं विधानसभा में बैकडोर भर्ती के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने इस मामले को उठाया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें इससे रोक दिया।

माहरा ने कहा कि दो दिन चले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले को उठाने से रोकना जनता के साथ अन्याय है। जनता को यह जानने का अधिकार है कि बैकडोर भर्ती करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। कांग्रेस इस पक्ष में है कि नेताओं की कलई खुलनी चाहिए और जिसने नैतिकता का पतन किया है उसके खिलाफ निश्चित कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जब परंपरा के खिलाफ जाकर पीठ के कार्यों का आंकलन करने का अधिकार आईएएस अधिकारी को दे दिया गया तो नियमों का हवाला देकर बैकडोर भर्ती के सवाल को उठाने से रोका जाना जनता के साथ अन्याय है। नियम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विधायक प्रीतम सिंह से अभी उनकी बात नहीं हुई। विधायक प्रीतम और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ही इसका जवाब दे सकती हैं।

सीएम धामी पर साधा निशाना

माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य को इतने संवेदनहीन मुख्यमंत्री मिले हैं कि सत्र के दौरान विधानसभा में उपस्थित होने के बजाय दिल्ली नगर निगम चुनाव में प्रचार के लिए चले गए। वो सत्र के दौरान अपने प्रतिनिधि के रूप में जवाब देने के लिए ऐसे मंत्री को जिम्मेदारी दे गए, जो बैकडोर भर्ती मामले में सवालों के घेरे में है। 

उन्होंने साथ ही सत्र के जल्दी निपटने को लेकर भी सरकार को घेरा I कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पांच दिन के लिए शीतकाली सत्र बुलाकर इसे दो दिन में समेट दिया गया। इस पर भी विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी का बयान आता है कि बिना बिजनेस के सदन को चलाना जनता के साथ बेमानी होगी। उन्होंने कहा कि सदन में जो विधेयक पास हुए, 24 घंटे पहले उनकी कॉपी विधायकों को नहीं दी गई। यदि दी जाती तो उस पर सदन में चर्चा के बाद विधेयक पारित होते। इससे बिजनेस भी होता और सदन भी चलता, लेकिन वह पहले ही कह चुके थे कि रणछोड़ पार्टी की सरकार कानून व्यवस्था, भर्ती घोटाले से बचने के लिए इस सदन से भागेगी।

अंकिता हत्याकांड को लेकर प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर किया घेराव

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सदन में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का यह बयान कि अंकिता हत्याकांड में कोई वीआईपी नहीं था, आपत्तिजनक है। जबकि खुद वह कह रहे हैं कि मामले की जांच चल रही है। अंकिता ने भी चैटिंग करते हुए कहा था कि वीआईपी को विशेष सुविधा देने के लिए उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार मंत्री का सदन में इस तरह का बयान निंदनीय है। प्रदेश की जनता सोच रही थी कि सरकार कहेगी कि पूरी ताकत लगाकर वीआईपी का नाम सामने लाएंगे और अंकिता को न्याय दिलाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।