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फूलों के रँगोँ से सजा पहाड़,फूलदेई त्योहार शुरू

संजय किमोठी

देहरादून: मकर सँक्रान्ति के दिन से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा वर्ष 2078 का प्रारम्भ समूचे भारतवर्ष में हिन्दू नव वर्ष सुरू होता है!

आज के दिन समस्त पहाड़ में फूल देई सँक्रान्ति मनायी जा रही है. इस दिन से पहाड़ के गाँव गाँव के बच्चे प्रत्येक घरों की दहलीज पर जाकर फूल चढा़ते हैं और साथ ही फूलों के गीत गुन गुनाते हैँ बच्चे कुछ यूँ गीत गाते हैं।

फुल फुल मायी दाल दे चाँवल दे,जै घोघा माता फ्यूँल्या फूल,बुराँशा फूल ,गाते हैं और घरों की माताऐं बच्चों की ये मधुर आवाज सुनकर अपनी अपनी चौखटों पर खड़े होकर बच्चों का अपने घरों में इन्तजार करती हैं!

बच्चे फूल चढा़ते हैं और माताऐं उनको,दाल,चावल,रुपया,पैसा,देती हैं,कहते हैं इस सब से घरों में सँमपन्नता आती है,और खुशहाली का प्रमाण भी है!

पूरे एक सप्ताह या दस दिनों तक यह क्रम चलता है,और अँतिम दिवस पर फुल फुल माई की पूजा होती है,बच्चे,खीर ,हलवा,पूरी,पकौडे़ बनाते हैं और सामूहिक रूप से भोजन करते हैँ,समूचे पहाड़ में फूलोँ का ये त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है।