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मातृसदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती ने लिया कुंभ के दौरान शरीर छोड़ने का संकल्प

-अपने संकल्प के संबंध में भेजा प्रधानमंत्री को पत्र 

-प्राण देने के पीछे बताए सौ से अधिक कारण 

हरिद्वार:  गंगा की अविरलता के लिए संघर्षरत मातृसदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कुंभ के दौरान अपना शरीर छोड़ने का संकल्प लिया है।

उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने वादे से मुकर गए हैं। गंगा में जमकर खनन हो रहा है और सरकार में संवेदना नहीं है।

ऐसे में उनके पास शरीर छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। उधर, स्वामी शिवानंद की अपील पर आत्मबोधानंद ने 37वें दिन अपने अनशन को विराम दे दिया।

स्वामी शिवानंद ने बताया कि उन्होंने अपने संकल्प के संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र भेज दिया है। इसमें अपने प्राण देने के पीछे सौ से अधिक कारण बताए हैं।

इस पत्र की एक प्रति भी उन्होंने आश्रम में सुरक्षित रखवा दी है। उनका कहना है कि उनके शरीर छोड़ने के बाद यह पत्र उजागर किया जाएगा।

गंगा संरक्षण को लेकर मातृसदन लगातार बलिदान देता आ रहा है पर सरकार में संवेदना ही नहीं है। हो सकता है कि मेरे शरीर छोड़ने से ही सरकार की संवेदना जाग जाए।