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मसूरी गोलीकांड की 27वीं बरसी पर बोले सीएम धामी, शहीदों के सपनों का राज्य बनाएंगे

आंदोलनकारियों के परिजनों को पेंशन
-31 दिसम्बर तक की जायेगी राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण की व्यवस्था 

मसूरी:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए मसूरी गोलीकांड में बेलमती चौहान, हंसा धनई, बलवीर सिंह नेगी, धनपत सिंह, मदन मोहन ममगाईं, राय सिंह बंगारी ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान के कारण ही हमें उत्तराखण्ड नया राज्य मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोनकारियों ने जिस उद्देश्य से अलग राज्य की मांग की थी। उसके अनुरूप ही राज्य को आगे बढ़ाया जायेगा। जन समस्याओं का समाधान तेजी से हो, इसके लिए हर स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा रहा है। जन सुविधा के लिए सरकार का ध्यान प्रक्रियाओं के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर अधिकारियों को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जो राज्य आन्दोलनकारी चिन्हीकरण के लिए छूट गये हैं, 31 दिसम्बर 2021 तक उन राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण की व्यवस्था की जायेगी। चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी जिन्हें 3100 रुपये प्रतिमाह पेंशन अनुमन्य की गई है, उनकी मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों, पति व पत्नी को भी 3100 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी। विभिन्न विभागों में कार्यरत राज्य आन्दोलनकारियों को सेवा से हटाये जाने के माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर ठोस पैरवी करेगी। उद्योगों में नौकरी के लिए भी राज्य आन्दोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जायेगी। राजकीय अस्पतालों की तरह मेडिकल कॉलेजों में भी राज्य आंदोलनकारियों का निःशुल्क ईलाज किया जायेगा।

कहा कि मसूरी के सिपनकोट के लोगों की पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जायेगी। मसूरी रोपवे का कार्य शुरू होने से पूर्व सिपनकोट के लोगों के पुनर्वास की समस्या का समाधान किया जायेगा। मसूरी में वन टाइम सेटलमेंट लागू किया जायेगा। गढ़वाल सभा के भवन को यदि अन्यत्र स्थान पर शिफ्ट करना पड़ा तो, इसके लिए दूसरी जगह पर व्यवस्था की जायेगी।

इस अवसर पर पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, मसूरी नगर पालिका परिषद् के अध्यक्ष अनुज गुप्ता, मसूरी नगर पालिका परिषद् के पूर्व अध्यक्ष मन्नू मल, बलजीत सिंह सोनी, एवं राज्य आन्दोलनकारी मौजूद थे।

-परियोजना का शुभारंभ लोगों के विस्थापन के बाद

शिफन कोर्ट मामले पर उन्होंने कहा कि शिफन कोर्ट के बेघर लोगों का पुनर्वास किया जाएगा। वहीं, रोपवे परियोजना का शुभारंभ शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों के विस्थापन के बाद होगा। सीएम धामी ने ऐलान किया कि आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार लगातार प्रदेश हित में काम कर रही है। प्रदेश की जनता के अनुरूप ही उत्तराखंड का विकास किया जाएगा।

-अजय भट्ट ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी

केंद्रीय पर्यटन और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि केंद्र की सरकार लगातार देश के विकास के लिए काम कर रही है। पर्यटन के क्षेत्र में आमूलचूल विकास हो इसको लेकर कई योजनाओं के तहत कार्य किया जा रहा है। उत्तराखंड में पर्यटन की कई संभावना हैं और उत्तराखंड स्वयं पर्यटन प्रदेश है। ऐसे में उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है।मसूरी में भी पर्यटन के क्षेत्र में कई संभावनाएं हैं, जिसको लेकर लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उनके द्वारा कई बॉर्डर क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। जिस तरीके से सैनिक बॉर्डर की सुरक्षा कर रहे हैं, वह अपने आप में साबित करता है कि सैनिक अपनी जान की परवाह न करते हुए देश की सुरक्षा बखूबी कर रहे हैं।

-मसूरी गोलीकांड

राज्य आंदोलन के इतिहास के पन्नों में दो सितंबर 1994 का दिन बहुत ही खास है। ये वो दिन है जिसे याद कर आज भी लोगों के शरीर में सिहरन सी दौड़ जाती है। 1994 में उत्तराखंड राज्य के लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन चल रहा था। खटीमा गोलीकांड के अगले ही दिन 2 सितम्बर, 1994 को मसूरी गोलीकांड हुआ था। खटीमा की घटना के विरोध में मसूरी में मौन जुलूस निकाल रहे राज्य आंदोलनकारियों पर पुलिस और पीएसी ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। ऐसे में फायरिंग के कारण शांत रहने वाले मसूरी की आबोहवा में बारूद की गंध फैल गई थी।