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रामनवमी मेले में भीड़ को नियंत्रित करने की योजना पर हुआ मंथन, सुरक्षा की दृष्टि से लिए ये फैसले 

अयोध्या। राममंदिर निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक में रामनवमी मेले में आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने की योजना पर मंथन हुआ है। सुरक्षा की दृष्टि से राम जन्मभूमि पथ से लेकर रामजन्मभूमि परिसर तक फेस रिकग्नाइजेशन (एफआर) सिस्टम वाले कैमरे लगाए जा रहे हैं। इससे रामलला के दर्शन को आने वाले हर एक भक्त की पहचान संभव हो सकेगी। ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि यदि भीड़ में कोई अराजकतत्व प्रवेश करता है तो एफआर सिस्टम से तत्काल उसकी पहचान की जा सकेगी। साथ ही रामनवमी से पहले राम जन्मभूमि पथ के प्रवेश मार्ग से लेकर रामजन्मभूमि परिसर तक बैरीकेडिंग का काम भी पूरा कर लिया जाएगा।

इस बार स्टेनलेस बैरीकेडिंग लगाई जा रही है। यह बैरीकेडिंग भी होगी और श्रद्धालु यहां बैठकर आराम भी कर सकेंगे। 10 अप्रैल तक तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र के भूतल का काम पूरा कर लिया जाएगा। सात हजार नए लॉकर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। राममंदिर के सुरक्षा सलाहकार केके शर्मा भी बैठक में शामिल रहे। उन्होंने भीड़ नियंत्रण से लेकर यात्री सुविधाओं पर विस्तृत चर्चा की है। राइट्स संस्था अयोध्या की भीड़ को लेकर सर्वेक्षण कर रही है। रामनवमी से पहले सुग्रीव किला के पास निर्माणाधीन जनसेवा केंद्र भी बनकर तैयार हो जााएगा।  यहां एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी। स्थायी रूप से चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी। 40 शौचालय, काउंटर, व्हील चेयर, पानी की सुविधा होगी। एक हजार लोगों के बैठने के इंतजाम होंगे।

डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर के तीनों तल व शिखर 2024 तक तैयार हो जाएंगे। इसके बाद साज-सज्जा चलती रहेगी।  मंदिर परिसर में बनने वाले सप्त मंडपम की डिजाइन-ड्राइंग एक माह में पूरी हो जाएगी। परकोटे के सभी छह मंदिर 2025 तक बनकर तैयार होंगे। बैठक में रामकथा संग्रहालय के सुंदरीकरण पर भी चर्चा हुई। रामलला का सूर्य किरणों से रामनवमी पर ठीक 12 बजे अभिषेक अब की रामनवमी में हो पाएगा कि नहीं इसको लेकर अगली बैठक में अंतिम निर्णय होगा। डॉ. अनिल ने बताया कि राममंदिर परिसर में संचालित मंडलोत्सव व रागोत्सव का समापन रविवार को होगा। मंडलोत्सव के समापन पर 1100 ताम्र कलश से जगद्गुरु विश्व प्रसन्न तीर्थ की अगुवाई में रामलला का अभिषेक किया जाएगा। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सुरक्षा सलाहकार केके शर्मा, सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिक व कार्यदायी संस्था के इंजीनियर शामिल रहे।

डॉ. अनिल ने बताया कि परकोटा निर्माण का काम तेज कर दिया गया है। 825 मीटर लंबे परकोटे में 11 स्थान चयनित कर काम शुरू कर दिया गया है। मार्च 2025 तक परकोटे का काम पूरा हो जाएगा। पूरब के तरफ का मुख्यद्वार तैयार हो गया है। दक्षिण दिशा में बेसमेंट का एरिया 70 फीसदी पूरा हो चुका है। पश्चिम व उत्तर दिशा में परकोटे का काम प्रारंभ हो चुका है। परकोटे में अब तक 4500 घनफीट पत्थर लग चुके हैं।अभी लगभग 3500 घनफीट पत्थर और लगने हैं। डॉ़ अनिल मिश्र ने भक्तों से अपील की है कि रामनवमी मेले में भक्त सामान लेकर न आएं। अलग-अलग तारीखों में आकर रामलला के दर्शन करें। जो भक्त खाली हाथ दर्शन को आ रहे हैं वे सुगमता पूर्वक दर्शन प्राप्त कर रहे हैं। इसलिए अपने सामान जूता, चप्प्ल, मोबाइल व बैग रखकर नंगे पांव आएं।