Breaking News

वन विभाग के अधीन 2017 से 2023 तक समूह ग के 4406 विभिन्न पदों पर हुई नियुक्ति

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंंह धामी ने सोमवार को हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र गढ़ीकैंट में वन विभाग द्वारा आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित 892 वन आरक्षी तथा 104 सहायक लेखाकारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल भी उपस्थित थे।

नियुक्ति पाने वाले 104 सहायक लेखाकारों में 59 वन तथा 45 तकनीकि शिक्षा विभाग के शामिल हैं। वन विभाग के अधीन अप्रैल 2017 से अब तक समूह ग के विभिन्न 4406 पदों पर नियुक्ति की गई है, जिसमें जुलाई 2021 से अब तक 2528 नियुक्तियां शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी नव नियुक्त कार्मिकों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि अब वे उत्तराखंड शासन, प्रशासन का हिस्सा बनने जा रहे हैं सभी सच्ची लगन और मेहनत से अपने कार्य को निपुणता से करेंगे, इसकी उन्होंने अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि त्वरित रूप से विभागों के अन्तर्गत रिक्त पदों पर प्रदेश के होनहार नौजवानों को अवसर प्रदान कराएं जाएं। यह अभियान लगातार और तेज गति से चल रहा है।

उन्होंने कहा कि वन विभाग के जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र मिले हैं, उन पर प्रदेश के वन क्षेत्रों की सुरक्षा की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। जबकि तकनीकी शिक्षा से जुड़े युवाओं पर उत्तराखण्ड शासन प्रशासन को एडवांस तकनीक से सुसज्जित करने की भी चुनौतियां है। प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हों हमारा यह प्रयास धीरे-धीरे धरातल पर उतरने लगा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार के और अधिक अवसर मिल पाएंगे।

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में भर्ती प्रक्रियाओं में हो रही धांधली की शिकायतें को दूर कर हमने भर्ती प्रक्रियाओं में व्यापक बदलाव किया है। पहले की सरकारों में नौकरी के लिए विज्ञापन जारी होने से लेकर नियुक्ति पत्र देने तक बहुत लंबा समय लग जाता था। इस देरी का फायदा उठाकर, रिश्वतखोरों द्वारा जमकर रिश्वत का खेल होता था। लेकिन हमारी सरकार ने भर्ती की प्रक्रिया को अब पूरी तरह पारदर्शी बना दिया है और भर्ती प्रक्रिया एक तय समय सीमा के भीतर पूरी की जा रही है। इसका परिणाम इतना सुखद है कि अब प्रत्येक युवा को समान अवसर मिलने लगे हैं।

मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवाओं से कहा कि आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आपको एक ऐसे प्रदेश में सेवा का मौका ईश्वर ने दिया है, जिसमें आपकी एवं राज्य की प्रगति की असीम संभावनाएं हैं। आज आप भर्ती प्रक्रिया में जिस पारदर्शिता और रफ्तार को देख रहे हैं वो सरकार के हर काम में दिख रही है। पारदर्शी तरीके से भर्ती और पदोन्नति युवाओं में भरोसा जगाती है। ये पारदर्शिता बेहतर तरीके से युवाओं को प्रतियोगिता में उतरने के लिए प्रेरित करती है, हमारी सरकार इसी दिशा में निरंतर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों की और से भर्ती प्रक्रियाओं पर लगाये गए कलंक को मिटाने के लिए ही हमने राज्य में देश का सबसे कठोर ‘‘नकल विरोधी कानून’’ लागू किया है। हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। नकल विरोधी कानून के प्राविधान इतने कड़े किये हैं कि अब युवाओं के भविष्य के साथ कोई भी नकल माफिया खिलवाड़ नहीं कर सकेगा। इस कानून के तहत दोषियों के लिए आजीवन कारावास तक का प्राविधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने सभी को विश्वास दिलाया कि हमारी सरकार प्रदेश के हर वर्ग के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है और करती रहेगी तथा अपेक्षा की कि आप सभी उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे ‘विकल्प रहित संकल्प’ की सिद्धि में भी इसी प्रकार अपना सहयोग देते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हजारों युवाओं में से आपको यह अवसर विशिष्ट कार्य के लिए प्रदान किया गया है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में मानक तय करने होंगे। अनुशासित होकर ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने का लक्ष्य बनाना होगा, नई तकनीकि में जुड़ना होगा। यह आपको अपने कार्य संपादन में प्रेरणा देने का भी कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश जन सेवाओं की पहुंच आसान बनाने के लिए 1905 एप् के साथ अपणी सरकार पोर्टल तैया किया गया है। जन शिकायतों की निस्तारण प्रक्रिया का समय-समय पर वे स्वयं भी परीक्षण करते हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि उन्हें भी जन समस्याओं के समाधान तथा जीरो पेंडेंसी का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिले इसके लिए हाल ही में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन में 3.50 लाख करोड़ के निवेश प्राप्त हुए हैं। इसमें 50 से अधिक देशों के निवेशक भी शामिल हैं इससे प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा मिलने के साथ युवाओं को रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड असीम संभावनाओं वाला प्रदेश है। प्रधानमंत्री ने भी 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। आज देश व दुनिया के लोग यहां आने के लिए उत्साहित है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए उत्तराखण्ड का हित सर्वोपरि है, जिसे हम विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। हमने उत्तराखण्ड की जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वायदा किया था जो पूर्ण किया गया है। इसमें प्रदेश में रहने वाले सभी नागरिकों के हितों को ध्यान में रखा गया है।

वन एवं तकनीकि शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने भी नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र के अधीन है। प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता के साथ वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा का कार्य वन आरक्षियों का रहता है। उन्होंने वन आरक्षियों को फ्रंट लाइन वर्कर बताते हुए कहा कि जंगल को बचाने तथा मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने एवं वनाग्नि को रोकने का भी उनका दायित्व रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं को तकनीकि दक्षता के लिए पॉलिटेक्निक एवं आई.टी.आई आदि कॉलेजों को अवस्थापना सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। तकनीकि संस्थाओं के माध्यम से अधिक से युवाओं का प्लेसमेंट हो इस दिशा में भी प्रयास किये जा रहे है। गत वर्ष 65 प्रतिशत छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है।

प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु ने भी युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण जैसे समारोह पहले आयोजित नहीं होते थे। ऐसे अवसर युवाओं में आत्मविश्वास जगाने के साथ उन्हें कार्यक्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने में मददगार होते है। उन्होंने युवाओं में निरंतर सीखते रहने की प्रकृति अपनाने तथा आदर्श चरित्र के साथ जीवन एवं कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने को कहा।

वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक तथा सचिव तकनीकि शिक्षा रविनाथ रमन ने भी अपने विचार रखे।

इस अवसर पर वन एवं तकनीकि शिक्षा के अधिकारी एवं नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवा उपस्थित थे।