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सीपीएम सहित विभिन्न जनसंगठनों ने राज्य में बढ़ रहे नशाखोरी के खिलाफ जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया 

देहरादून।  राज्य में बढ़ती नशाखोरी पर अंकुश लगाने के खिलाफ आज एक संयुक्त प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया ।ज्ञापन उनकी अनुपस्थिति में कलेक्ट्रेट के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी  सुरेन्द्र कपिल ने लिया उन्होंने अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया ।

ज्ञापन में बढ़ती मादक पदार्थों की अवैध बिक्री के परिणामस्वरूप समाज में पड़ रहे कुप्रभाव पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुऐ कहा है कि नशे का सर्वाधिक शिकार युवा पीढ़ी को होना पड़ता है जिसके कारण असमय उनकी मृत्यु हो रही है नशीले पदार्थो के कारण हजारों परिवार बर्बादी के कगार पर हैं । माननीय उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के निर्दैशों के बावजूद भी राज्य में धड़ल्ले से प्रतिबन्धित दवाईयों का अवैध धन्धे के कारण युवा बर्बाद हो रहे हैं ,पुलिस एवं नारकोटिक्स विभाग नशा रोकने के लिऐ ठीक ढंग से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं ।

ज्ञापन में मांग की गई है कि हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों का राज्य में सख्ती से‌ पालन किया जाये तथा इस धन्धे लिप्त लोगो के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये ।

इस अवसर सिपिएम देहरादून सचिव अनन्त आकाश, आयूपी अध्यक्ष नवनीत गुंसाई ,आन्दोलनकारी परिषद के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार, नेताजी संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रभात डण्डरियाल ,सीआईटीयू महामंत्री लेखराज ,भीम आर्मी के अध्यक्ष आजम खान ,दीप्ति रावत अध्यक्ष नव चेतना समिति,एआईएलयू के महामन् शम्भू ममगाई ,पीपुल्स फोरम उत्तराखंड के अध्यक्ष जयकृत कण्डवाल‌,एटक के दीपेन्द्र नेगी के अलावा राजेन्द्र पुरोहित , कृष्ण गुनियाल ,अभिषेक भण्डारी ,बालेश बबानिया ,रविन्द्र नौडियाल ,चित्रा,मिना ,जानकी ,सुनीता , दयाकृष्ण पाठक ,गुरूप्रसाद ,मामचन्द ,राजेन्द्र शर्मा ,सुरेन्द बिष्ट आदि शामिल थे ।