100 से ज्यादा दायित्वधारियों को हटाने के लिए सीएस ने जारी किए आदेश
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आजकल एक्शन मूड में हैं। त्रिवेंद्र कार्यकाल में लिए गए फैसलों में पर तीरथ जमकर बरस रहे हैं।
वहीं एक बाद एक बड़े फैसले बदलने के बाद आज मुख्यमंत्री ने एक और बड़ा फैसला किया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के राज में लगभग 100 दायित्व धारियों की छुट्टी कर दी है।
साथ ही सभी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त कर दिया गया है। वहीं यह तीरथ सिंह रावत का एक के बाद एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।
आपको बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में विभिन्न आयोगों, निगमों और परिषदों में नामित किए गए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सलाहकार सहित कई दायित्वधारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। इनमें से कई लोगों को कैबिनेट मंत्री स्तर व राज्यमंत्री स्तर का दर्जा प्राप्त था।
त्रिवेंद्र रावत सरकार में 2017 से अभी तक करीब 100 से अधिक लोगों को विभिन्न आयोगों, निगमों, परिषदों में नामित किया गया था। संवैधानिक पदों पर नियुक्त दायित्व धारियों को छोड़कर सभी को तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश भी मुख्य सचिव के द्वारा जारी कर दिए गए हैं।
100 से ज्यादा दायित्वधारियों को मुख्यमंत्री रहते जिन्हें त्रिवेंद्र ने ओहदों से नवाज कर मंत्री और राज्यमंत्री का दर्जा और सुख सुविधाएं दी, उन्हें मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने हटा दिया है। इनमें ज्यादातर वे अधिकारी थे जो व्यक्तिगत तौर पर त्रिवेंद्र को पसंद थे न कि संगठन को।
यह तीरथ सिंह रावत का त्रिवेंद्र रावत को एक और बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं अब देखना होगा तीरथ सिंह रावत के इस फैसले से भाजपा के अंदर क्या विरोध देखने को मिलता है क्योंकि जाहिर है बनाए गए तमाम दायित्व धारी पार्टी के अंदर के ही थे, पार्टी के कार्यकर्ता ही थे। कहीं बाहर अन्य दलों से तो लाए नहीं गए थे।
अब ऐसे में पार्टी के अंदर जरूर सियासी भूचाल देखने को मिलेगा। वहीं माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत राज्य पर बढ़ते वित्तीय बोझ को कम करने के लिए यह फैसला लिया है।