हरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कोरोना संक्रमित हो जाने के बाद अब विधानसभा सत्र में ट्रैजरी बैंच का पूरा दारोमदार कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के कंधों पर आ गया है।
सत्र के दौरान संसदीय और विधायी कार्यों का जिम्मा संभालना बेशक उनके लिए नया अनुभव नहीं है। लेकिन पहली बार वह मुख्यमंत्री जो नेता सदन भी हैं की गैरमौजूदगी में सदन में मोर्चा संभालते नजर आएंगे।
21 दिसंबर से विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है। सत्र तीन दिन चलना है। सत्र से पहले सभी सदस्यों की कोरोना जांच होनी है। तब तक क्या स्थिति बनती है, अभी किसी को नहीं मालूम है।
बहरहाल, सोमवार से चूंकि सत्र की शुरुआत होगी, इसलिए नेता सदन के लिहाज से यह महत्वपूर्ण दिवस है। सोमवार प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री के विभागों के प्रश्नों के जवाब देने का दिन तय है।
हालांकि मुख्यमंत्री पहले ही विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को पत्र लिखकर सूचित कर चुके हैं कि उनके विभागों से जुड़े प्रश्नों के उत्तर कौशिक देंगे। लेकिन अब कौशिक को मुख्यमंत्री की तात्कालिक राय मशविरा के बिना निर्णय लेने होंगे।
इसलिए सदन के दौरान उनके सियासी चातुर्य, विवेक और साहस की भी परीक्षा होगी। बकौल कौशिक, मुख्यमंत्री के कोरोना की जद में आने से चिंता है। पूरी उम्मीद है कि वह जल्द स्वस्थ हो जाएंगे। जहां तक सदन में जिम्मेदारी संभालने की बात है, वह पूर्व में भी यह भूमिका निभाते आ रहे हैं। इसलिए पूरे आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरेंगे।