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उत्तराखंड में ‘स्वच्छ भारत सर्वेक्षण ग्रामीण-2025’ के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

सर्वेक्षण के माध्यम से गाँवों में स्वच्छता की जमीनी हकीकत का होगा मूल्यांकन

देहरादून। देशभर के गाँवों में स्वच्छता की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत सर्वेक्षण ग्रामीण-2025 (SSG 2025) की शुरुआत कर दी गई है। इस सर्वेक्षण को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने हेतु बुधवार को देहरादून स्थित राज्य कार्यालय में एक राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यशाला में सर्वेक्षण के लिए नामित जिलों, फील्ड अन्वेषकों और कोऑर्डिनेटरों को तकनीकी पहलुओं और गुणवत्तापूर्ण सर्वेक्षण से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा नामित एजेंसी Academy of Management Studies (AMS) इस कार्य को अंजाम देगी, जो फील्ड डेटा संग्रहण, विश्लेषण और मूल्यांकन में विशेषज्ञता रखती है।

राज्य स्तर पर सर्वेक्षण का संचालन SWSM की संयुक्त निदेशक श्रीमती हेमलता पेटवाल जोशी के नेतृत्व में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के 95 विकासखंडों में प्रत्येक जिले से 20 चयनित गांवों में यह सर्वेक्षण किया जाएगा। इसका उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर स्वच्छता ढांचे, जनसहभागिता, व्यवहार परिवर्तन और सेवा वितरण के पहलुओं की वस्तुनिष्ठ जानकारी जुटाना है।

AMS द्वारा चयनित टीम को सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली, मूल्यांकन मानक, फील्ड असेसमेंट और डिजिटल डेटा संग्रहण तकनीक पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रमुख विषय जैसे सामुदायिक स्वच्छता, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, ग्रामीण सहभागिता और मोबाइल ऐप से डेटा संग्रहण की प्रक्रिया पर भी जानकारी दी गई।

SWSM के यूनिट कोऑर्डिनेटर सुनील तिवारी ने बताया कि सर्वेक्षण पूर्ण होने के बाद जिलों और गांवों की रैंकिंग मूल्यांकन अंकों की प्रणाली के आधार पर की जाएगी। इसमें शौचालय की स्थिति, सामुदायिक भागीदारी, खुले में शौच से मुक्ति, सूचना, शिक्षा व संचार गतिविधियां आदि मापदंड शामिल होंगे।

इस बार के सर्वेक्षण में स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग और Citizen Feedback Tool जैसे नवाचार जोड़े गए हैं, जिससे आम नागरिक सीधे प्रतिक्रिया दे सकेंगे। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए Geofencing और Location-tagging तकनीकों का भी प्रयोग होगा ताकि फील्ड टीमें पूरी तरह से ट्रैक हो सकें।

कार्यशाला के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने “स्वच्छ भारत” के लक्ष्य को सामूहिक प्रयासों से प्राप्त करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर मॉनिटरिंग एवं इवैल्यूएशन अधिकारी आलोक सैनी, पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. रमेश बडोनी तथा AMS से एस.एन. जोशी, सुदीप्त झा, राकेश चौहान और शुभम भट्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।