देहरादून। देहरादून संस्कृति साहित्य एवँ कला परिषद के तत्वाधान में सिलक्यारा विषम चुनौती से समाधान,के विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।इस अवसर पर सेवा निवृत्त नौसेना अधिकारी ओ पी राणा ने कहा आपदाऐं जब भी आती है उनका समाधान भी एक सिस्टम के तहत किया जाता है,जिसमें पुरानी पारम्परिक तकनीकि काफी कारगर साबित होती हैं।
सिलक्यारा टनल में भी ये काम आयी और कुशलता से जवानों को बाहर निकाला गया।जोशीमठ में भी भूमि धँसाव हो रहा है,वहाँ पर भी वैज्ञानिक तकनीकि के साथ पुरानी तकनिकि से काम किया जाना चाहिए,राणा ने सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए,संगोष्टी में राणा ने अपने सभी आपदाओं से निपटने के अनुभव साझा किए,इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल,पूर्व मुख्यमँत्री भगत सिंह कोश्यारी मुख्य अतिथि ने कहा,सिलक्यारा टनल आपदा एक अनुभव दे गया इस घटना में लोगों ने एकजुट होकर जो बचाव किया जो प्रयास किया वो सराहनीय है।
ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो,लेकिन अगर ऐसी घटना अगर घटित हो जाती है इसके लिए सजग रहना होगा,नीचे से ऊपर तक अधिकारी,शासन,प्रशासन सब एकजुटता से जुटकर समाधान करेंगे।ऐसे विकट समय पर ऐलोपैथी,होम्योपैथी,सब धरी की धरी रह जाती हैं और सिमपैथी काम करती है हमारी भावनाँए ठीक हैं तो जीत सुनिश्चित है।इस अवसर पर कोश्यारी अपने शीर्ष नेता नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देकर मजबूत रहने का सँदेश देते रहे।सिलक्यारा जैसी आपदाऐं हमारी एकजुटता और संसाधनों के आगे छोटी पड़ गयी।इस अवसर पर संस्कृति साहित्य कला परिषद की उपाध्यक्षा मधु भट्ट के साथ ही गणमान्य ब्यक्ति मंचासीन रहे,गोप्टी में जनप्रतिनिधि,संघ विचारक सेवक,माताऐं,बहनें,मौजूद रही।