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महान सोवियत क्रान्ति को लाल सलाम

देहरादून। जोज़ेफ स्टालिन 18 दिसम्बर 1878 में जन्मे , 1941 से 1953 तक सोवियत संघ के प्रधानमंत्री रहे उनका जन्म स्गोरी जॉर्जिया में हुआ था। महान समाजवादी क्रान्ति के नेताओं में से एक रहे ,कामरेड लेनिन के नेतृत्व में सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी ने 7 नवम्बर 1917 को रूस में समाजवादी व्यवस्था की नीव रखी थी ,इस व्यवस्था के स्थापना से ही सामन्ती व्यवस्था की विदाई के साथ ही विश्व की पूंजीवादी इजारेदारी व्यवस्था को चुनौती मिलनी शुरू हुई ।

समाजवादी व्यवस्था में कुछ दशकों में सोवियत संघ में एक क्रान्तिकारी बदलाव हुआ सदियों से जारशाही के जुवे तले दबी जनता को मुक्ति मिली तथा उनके बेहतरीन जीवन के सपने साकार होने लगे ,सोवियत व्यवस्था का असर विश्व के राष्ट्रों तथा उपनिवेशवादी देशों में भी पड़ने लगा ,धीरे -धीरे इन राष्ट्रों ने अपने लिऐ समाजवादी व्यवस्था तथा उपनिवेशवादी देशों से मुक्ति के लिए संघर्ष तेज हुऐ , सोवियत व्यवस्था ने हमारे देश के मुक्ति आन्दोलन में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से अपार सहयोग दिया । भारत की आजादी के बाद सोवियत संघ द्वारा हमारे देश के नवनिर्माण में दिये गये अभूतपूर्व सहयोग के लिए हमारे देश की जनता सदैव सोवियत जनता की ऋणि रहेगी । सोवियत व्यवस्था के आने के बाद जर्मनी तानाशाह हिटलर द्वारा विश्व बिजेता का जो स्वप्न संजोया था तथा सोवियत पर आक्रमण किया ।

वह कामरेड स्टालिन के नेतृत्व में सोवियत लालसेना ने उसे धाराशायी कर दिया ,फासीवादी हिटलर को अन्ततः आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा ,पांच करोड़ से भी अधिक सोवियतों ने द्वितीय विश्व युद्ध में अपनी शहादत देकर स्टालिन के नेतृत्व में विश्व में फासीवादी शासन आने से रोका ।द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति तथा सोवियत संघ की विश्व में फासीवादी ताकतों पर अंकुश के बाद दुनिया में समाजवादी खेमा उभरती ताकत के रूप में सामने आया विश्व के अनेक राष्ट्रों ने समाजवादी रास्ता अपनाया तथा भारत सहित अनेक उपनिवेशवादी देशों ने आजादी की सांस ली ।भले ही आज सोवियत संघ में आज समाजवादी व्यवस्था नहीं है किन्तु भारत सहित विश्व में सोवियत जनता द्वारा दिये गये अभूतपूर्व योगदान के लिए सदैव उनके ऋणी हैं , उन तमाम शहीदों तथा मेहनतकश आवाम द्वारा दिये गये अभूतपूर्व योगदान को सदैव याद किया जाऐगा । आज हमारे देश में सत्ता के शीर्ष पर बैठे ताकतें हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष तथा जनतांत्रिक तानेबाने को निरन्तर कमजोर करने की साजिश करने में लगे हुए हैं तथा हमारे देश में फासिस्ट व्यवस्था कायम करने का स्वप्न देख रहे हैं जिसे हमारी जनता सफल नहीं होने देगी ।