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प्रेस क्लब ने किया संगोष्ठी एवँ सम्मान समारोह का आयोजन

देहरादून। राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर उत्तराँचल प्रेस क्लब देहरादून ने संगोष्टी का आयोजन किया,जिसमें मुख्य अतिथि सूचना महानिदेशक वँशीधर तिवारी ने कहा पत्रकारिता में पहले की अपेक्षा आधुनिक पत्रकारिता में बडे़ पेमाने पर परिवर्तन देखनै को मिल रहा है।आज संचार माध्यमों और संसाधनों में बढोत्तरी हुई है।खबरैं जल्दी पँहुचाने के माध्यम ठोस हुए हैं,लेकिन पत्रकारिता में किसी भी खबर के दोनों पक्षों को दोनों पहलुओं को दिखाया जाना चाहिए,आज लोकप्रियता पानै की होड़ में पत्रकार आग का लगना तो दिखाते हैं पर बुझना नहीं दिखाते,खबरों में सामंजस्यता होना आवश्यक है।

गोष्टी में वरिष्ट पत्रकार जय सिंह रावत ने पत्रकारिता के इतिहास के साथ ही हर दशक की पत्रकारिता का उदाहरणों के साथ वक्तब्य रखा।कम संसाधनों में पुराने पत्रकारों ने निर्भीकता से लिखा और अपने लेखन से जेल जाने तक गुरेज नहीं किया।उन्होंने अपने सँबोधन में तिल्वाडी़ काँड की यादें भी ताजा करवाई,और पुराने समाचार पत्रों के सँपादकों की प्रशँसा की जो अपने रिपोर्टन को बचाने के लिए खुद जेल चले गये।संगोष्टी में वरिष्ट पत्रकार संजीव कँडवाल ने कहा पत्रकारिता तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए,और वो ऐसे तथ्य हों जिन्हें कोई झुठला न सके।सत्य की जीत तो तय है,पर वो सत्य मेव जयते की जगह तथ्य मेव जयते पर विश्वास करते हैं।

कँडवाल ने कहा इलेक्ट्रानिक मीडिया,शोसियल मीडिया,का प्रिन्ट मीडिया पर कोई असर नहीं पडा़ है।सबकी अपनी अपनी स्वीकार्यता है।जनता के बीच जो जितनी पँहुच रखेगा,जनता की समस्याओं का समाधान जो जिस तरीके से करेगा उसकी अपनी पहचान बनेगी।अखबार की मार्केटिँग भी कुछ इस तरह की है।समाचार पत्रों ने अपना स्थान ऐसा बनाया है जिसे कभी नहीं हटाया जा सकता।

गोष्टी में वरिष्ट पत्रकार अनुपम त्रिवेदी ने आधुनिक पत्रकारिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।सँगोष्टी में पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान देने वाले वरिष्ट पत्रकार रवीन्द्रनाथ कौशिक,राजेश पोल खोल बहुगुणा,सहित पुरूष और महिला पत्रकारों को पुरूष्कृत किया गया।गोष्टी की अध्यक्षता प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा और संचालन महामँत्री कार्यवाहक मीना नेगी ने किया,संगोष्टी में प्रैस क्लब के सभी पदाधिकारी एवँ सदस्यगणों सहित पत्रकार मौजूद रहे।