देहरादून: चमोली आपदा के 9 दिन गुजर जाने के बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन और सर्च अभियान युद्धस्तर पर जारी है। हालांकि, आपदा के समय तपोवन डैम में जिन लोगों को गिरते हुए देखा गया था, उन लापता लोगों की खोज आज से शुरू हो सकती है।
ऐसा माना जा रहा है कि डैम का पानी ज्यादा होने के कारण अभी तक सर्च ऑपरेशन नहीं चल सका था। उत्तराखंड डीजीपी ने इस बात की पुष्टि की है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 3 से 4 दिनों में तपोवन टनल व आसपास का मलबा पूरी तरह से हटा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अब नदी का पानी कम होने की वजह से शुरुआती दौर में डैम में गिरने वाले लोगों की खोजबीन 16 फरवरी से शुरू की जाएगी।
वहीं, अबतक कुल 58 शव व 22 मानव अंग बरामद करने के साथ ही 30 शवों व 1 मानव अंग की शिनाख्त हो चुकी है। बरामद शवों में जनपद चमोली के 46, रुद्रप्रयाग 7, पौड़ी गढ़वाल का 1 और टिहरी गढ़वाल निवासी 2 लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए जा चुके हैं।
बरामद मानव अंगों से डीएनए सैंपल को संरक्षित कर सभी कानूनी मापदंडों का पालन करते हुए सीएचसी जोशीमठ जिला चिकित्सालय गोपेश्वर और सीएससी कर्णप्रयाग में शिनाख्त के लिए इन्हें रखा गया है।
आपदा के दौरान लापता हुए 204 लोगों में से 179 लोगों की गुमशुदगी की रिपोट जोशीमठ कोतवाली में दर्ज की जा चुकी है।
अभी तक लापता लोगों के 66 परिजनों से डीएनए सैंपल लेकर शिनाख्त की कार्रवाई जारी है। वहीं डिस्पोजल करने के लिए गठित की गई कमेटी द्वारा अभी तक 53 शवों और 20 मानव अंगों का पूरे धार्मिक रीति रिवाज के साथ दाह संस्कार कर दिया गया है।
चमोली आपदा के उपरांत उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय देहरादून में पीड़ित परिजनों की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका नंबर 0135 2712685 और मोबाइल नंबर
9411112985 है। इस कंट्रोल रूम की देखरेख डीआईजी नीलेश आनंद भरणे कर रहे हैं। आपदा में लापता लोगों की सूची और बरामद शवों की पहचान के लिए पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा अन्य राज्यों की पुलिस के साथ लगातार पत्राचार किया जा रहा है।
वहीं बरामद शवों में मिले आभूषण, शरीर में टैटू और अन्य पहचान चिन्ह की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित किया गया है।