हरिद्वार: कोरोना संकट के बीच धर्मनगरी हरिद्वार में हो रहे महाकुंभ के अंतिम शाही स्नान पर महामारी का असर दिखा।
हरकी पैड़ी समेत विभिन्न घाटों पर चैत्र पूर्णिमा का स्नान करने बेहद ही कम श्रद्धालु पहुंचे। शाही स्नान ब्रह्ममुहूर्त में ही शुरू हो गया था।
इस स्नान पर आम श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी पर स्नान करने के लिए सुबह 9 बजकर 30 मिनट तक का समय दिया गया था। हालांकि घाटों पर स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई थी, लेकिन संख्या बेहद ही कम रही।
अब 9 बजकर 30 मिनट के बाद अखाड़ों का स्नान क्रम शुरू हुआ। चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान के दौरान अखाड़े 50 से 100 संतों को ही शामिल करेंगे। वाहनों की संख्या भी बेहद सीमित रहेगी।
जूना अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत हरि गिरि और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत रविंद्र पुरी, महानिर्वाणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी के अनुसार, सभी अखाड़ों ने अपने जुलूस में गृहस्थों को शामिल नहीं करने और कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने का आश्वासन दिया है।