Breaking News

उत्तराखण्ड की जनता के आत्मसम्मान के साथ खेल रहे डॉ रावतः नेगी


-कभी नहीं उठाया राज्य आंदोलनकारियों का मुद्दा
-भाजपा में सता रहा हार का डरए कर रहे अनाप.शनाप बयानबाजी
-सबसे ज्यादा नालायक और सौदेबाजी के मास्टर हैं डॉ रावत

रुद्रप्रयाग: काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के बयान के बाद से कांग्रेस में उबाल देखने को मिल रहा है। कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने डॉ. रावत के बयान की घोर निंदा करते हुए कहा कि डॉ. रावत ने उत्तराखण्ड की जनता ने प्रदेश को नालायकों के हाथ दिये जाने जैसा भद्दा बयान दिया है। वे स्वयं यूपी सरकार से लेकर अब तक सत्ता का सुख भोग चुके हैं और कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस का दामन थामकर मलाई खा चुके हैं और आज उन्हें नालायक जैसे बयान देने पड़ रहे हैं। वे उत्तराखण्ड की जनता के आत्मसम्मान के साथ खेल रहे हैं।

यहां जिला मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि काबीना मंत्री ने उत्तराखण्ड की राजनीति में अस्थिरता लाने का प्रयास किया। जब वे कांग्रेस सरकार में काबीना मंत्री थे तो उन्होंने कांग्रेस पार्टी को सरकार चलाने के लिए चैन से नहीं रहने दिया और अपने साथ ही अन्य विधायकों को भी भाजपा में शामिल कर दिया।

डॉ रावत महत्वकांक्षी नेताओं में से एक हैं, जो अपने फायदे के लिए दल.बदलू जैसी राजनीति करते हैं। कांग्रेस से भागकर भाजपा में शामिल होने का उनका एक ही मकसद था कि वे भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन उनका सपना यहां भी पूरा नहीं हो पाया और अब उनकी सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री ही उन्हें मीडिया के सामने गधा बोल चुके हैं, जिसके बाद से वे बौंखलाहट जैसी स्थिति में हैं। मसूरी में एक कार्यक्रम के दौरान डॉ हरक सिंह रावन ने मंच से कहा कि उत्तराखण्ड की जनता ने सरकार नालायकों के हाथ में सौंपीए जिस कारण राज्य आंदोलनकारियों की आत्मा भी भटक रही हैं। क्योंकि उनके सपनों का उत्तराखण्ड आज तक नहीं बन पाया है।

उनके इस बयान के बाद से पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है और हर तरफ उनके बयान की निंदा की जा रही है। पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि डॉ रावत के इस बयान ने भाजपा हाईकमान को भी सख्ते में डाल दिया है। वे अपनी महत्वकांक्षा के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्हें कोटद्वार से पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी से एक बड़ी हार का डर सता रहा हैए जिस कारण वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।

राज्य बनने के बाद से लेकर आज तक डॉ रावत ने कभी भी राज्य आंदोलनकारियों एवं शहीदों की बातों को नहीं उठाया और आज ऐसी बातें करके खुद ही हाशिये पर हैं। नेगी ने कहा कि डॉ रावत भाजपा से विधानसभा चुनाव को देखते हुए टिकटों की सौदबाजी पर उतारू हो चुके हैं, जिसके चलते वे अब राज्य निर्माण आंदोलनकारियों और शहीदों का हवाला दे रहे हैं और अपनी ही पार्टी को सौदेबाजी के लिए मजबूर करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर डॉ रावत यह कह रहे हैं कि राज्य में नालायक लोग सरकार में बैठे हैं, तो हमारी दृष्टि में आज सबसे ज्यादा नालायक और सौदेबाजी के मास्टर वे स्वयं हैं। क्यों कि राज्य निर्माण से लेकर अब तक वे लगातार क्षेत्र बदल.बदलकर जनता की आंखों में धूल झोंककर विधायक बनते आये हैं। जो व्यक्ति मंत्री पद को अपने जूते की नोक पर रखकर कहता था कि मंत्री नहीं बनूंगा, वहीं व्यक्ति धारी देवी मां की कसम खाता था, लेकिन फिर भी मौका देखकर मंत्री पद स्वीकार कर लिया और बाद में भाजपा के साथ सौदेबाजी कर कांग्रेस को अस्थित करने का कार्य किया और अब वही काम डॉ रावत भाजपा में करने जा रहे हैं, मगर केन्द्र में भाजपा सरकार के चलते वह यह कदम नहीं उठा पा रहे हैं और मौके की तलाश में हैं।

नेगी ने कहा कि डॉ हरक सिंह रावत खुद की चुनावी नैया डूबते देखकर अब परिवारवाद की राजनीति को आगे ले जाने के लिए अपनी बहू को चुनाव मैदान में उतारने के लिए भाजपा को मजबूर कर रहे हैं।