नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल (76) ने राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर अपनी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य के कारण चुनावी राजनीति से अलग होने की जानकारी दी।
भावुक हुए अरविंद केजरीवाल
राम निवास गोयल के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, “रामनिवास गोयल का राजनीति से अलग होने का निर्णय हमारे लिए एक भावुक क्षण है। उन्होंने वर्षों तक सदन के अंदर और बाहर हमें सही दिशा दिखाई। उनका अनुभव और मार्गदर्शन पार्टी के लिए अमूल्य है। वह हमारे अभिभावक थे, हैं और हमेशा रहेंगे।”
केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए भी राम निवास गोयल के योगदान की सराहना की और पार्टी में उनके अनुभव का लाभ भविष्य में उठाने की बात कही।
गोयल का राजनीतिक सफर
राम निवास गोयल शाहदरा विधानसभा सीट से विधायक हैं।
2015 से दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
उन्होंने 1993 में राजनीति में कदम रखा और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के रूप में पहली जीत दर्ज की।
2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने BJP के जितेंद्र सिंह शंटी को 11,731 वोटों के अंतर से हराया।
गोयल का पत्र
राम निवास गोयल ने अपने पत्र में पार्टी विधायकों द्वारा मिले सम्मान और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने फैसले को स्वास्थ्य और उम्र के लिहाज से लिया गया आवश्यक कदम बताया।
पार्टी के लिए अहम योगदान
गोयल के इस फैसले को पार्टी के लिए एक बड़ा भावनात्मक झटका माना जा रहा है। उनके मार्गदर्शन और अनुभव ने AAP को कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों तक पहुंचने में मदद की है। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी उनके योगदान की प्रशंसा की और भविष्य में पार्टी के लिए उनके मार्गदर्शन की उम्मीद जताई है।