देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना फिर अपना विकराल रूप दिखाने लगा है। इस बात की तस्दीक केंद्र सरकार का वह पत्र कर रहा है, जिसमें मुख्य सचिव को महाकुंभ क्षेत्र में केंद्र की गाइडलाइन फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं।
खास बात यह है कि अब शासन ने बिना करोना नेगेटिव रिपोर्ट के महाकुंभ क्षेत्र में आने पर रोक लगा दी है। उधर पिछले एक हफ्ते में अचानक कोरोना के मामलों में भी तेजी आई है। उत्तराखंड में कोरोना के एक्टिव मामले फिर एक बार 1000 के पास पहुंच गए हैं। राज्य में अब तक 98,552 लोगों को कोरोना हो चुका है।
जिसमें करीब 96ः लोग रिकवर हो चुके हैं। उधर 1704 कोरोना पॉजिटिव मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। रिकॉर्ड बताते हैं कि 15 मार्च 2020 से 15 मार्च 2021 के दौरान धीरे-धीरे कोरोना के आंकड़े बेहद तेजी से ऊपर गएं। हालांकि मार्च के दूसरे हफ्ते आते-आते मरीजों की संख्या में कमी भी हुई है।
खास बात यह है कि पिछले एक हफ्ते में हर दिन 100 से ज्यादा नए नए मामले आ रहे हैं, जो अब चिंता का सबब बनने लगे हैं। उधर महाकुंभ के चलते खतरा और भी बढ़ गया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत खुद कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं।
ही में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने महाकुंभ में आने वालों को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं होने जैसे बयान दिए थे, लेकिन इसके बाद अब मुख्य सचिव ने साफ कर दिया है कि कुंभ में आने वालों को केंद्र की गाइडलाइन का पालन करना ही होगा।
इसके तहत राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आना होगा। हालांकि शासन यह भी मानता है कि हर व्यक्ति जो कुंभ में आ रहा है उसकी जांच करना मुश्किल है।
लेकिन रैंडम रूप से जांच के दौरान यदि कोई नेगेटिव रिपोर्ट नहीं लाया जाता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। कुंभ को देखते हुए प्रदेश में जिस तरह से तेजी से श्रद्धालु आ रहे हैं, उस लिहाज से सभी का टेस्ट उत्तराखंड में करना भी मुमकिन नहीं दिख रहा है।
राज्य में अब तक 60 साल से अधिक उम्र के 2 लाख 15 हजार 606 लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है। इसी तरह 45 साल से 59 साल के 13,100 लोगों को वैक्सीन दी गई है।
राज्य में 67,809 हेल्थ केयर वर्कर को दो डोज लग चुकी है। फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में 45,429 लोगों को दो डोज दी जा चुकी है। इस तरह 113238 लोग ऐसे हैं जिनको दो डोज दी जा चुकी है, जबकि 430 जगहों पर अभी कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है।