देहरादून: देहरादून एवरैस्ट पर फतह हासिल करनै वाले पर्वतारोही विक्रान्त उनियाल ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि एवरैस्ट शिखर की ऊंचाई आपको जीवन के प्रति स्वीकृति सिखाती है। चाहे कैसी भी विपरीत परिस्थितियां हो, व्यक्ति को दृढ़ रहना है और उनका सामना डटकर करना है।
बता दें, विगत 21 मई को माउन्ट एवरैस्ट पर आरोहण कर विक्रान्त ने स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ पर विना आक्सीजन मास्क के एवरैस्ट पर राष्ट्रगान गाया जो कि एक गौरवपूर्ण उपलब्धि और अनुभूति है।
टिहरी विस्थापित एकता मंच द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में विंग कमान्डर उनियाल भी उपस्थित रहें। इस दौरान उन्होंने कहा कि एवरैस्ट की चढा़ई एक कठिन यात्रा थी परिस्थितियां प्रतिकूल थी मौसम का पारा दिन के समय में -10 से -20 के बीच गिर जाता था।
उन्होंने आगे कहा कि डेड जोन में खुम्बू फॉल्स में लगातार बदलते बर्फ संरचनाओं, दरारों और हिमस्खलन से चुनौतियां लगातार बढ़ती जाती थी। इन सब परिस्थितयों में मानवीय सहन शक्ति और कुशल दिशा निर्देशन ही काम में आता है। एवरैस्ट अभियान का खर्चा विक्रान्त उनियाल ने खुद वहन किया है। वो अपने इस अभियान को देश के नाम विश्वास के लिए मानते हैं ताकि प्रत्येक भारतीय को उसके अन्दर गर्व और विस्वास पैदा करने में मदद करें।