देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने तीन वर्षों का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस ऐतिहासिक अवसर को प्रदेशभर में सेवा और विकास के संकल्प के साथ मनाया गया। उत्तराखंड के सभी जनपदों में बहुउद्देशीय शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया और विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त किया। इन शिविरों में स्वास्थ्य जांच, पेंशन योजनाएं, स्वरोजगार सहायता, शिक्षा से जुड़े लाभ और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी एवं सुविधाएं दी गईं।
फिट इंडिया, फिट उत्तराखंड: युवाओं के साथ धामी का नया अवतार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में फिट इंडिया, फिट उत्तराखंड रन और साइकिल रैली का शुभारंभ किया। इस दौरान धामी का एक अलग ही रंग देखने को मिला, जब वे युवाओं के साथ कदम से कदम मिलाते नजर आए। न केवल उन्होंने साइकिल चलाई, बल्कि मैदान में उतरकर युवाओं के साथ पुशअप्स भी लगाए। यह दृश्य युवाओं में जोश भरने वाला था, जहां मुख्यमंत्री ने खुद फिटनेस का संदेश देते हुए प्रदेश के नौजवानों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनने के लिए प्रेरित किया।
भव्य रोड शो और जनता के प्रति आभार
तीन साल पूरे होने के अवसर पर देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक विशाल रोड शो में भाग लिया। सड़कों पर उमड़े जनसैलाब ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। पूरे शहर में उत्साह और उल्लास का माहौल था, जहां लोग अपने मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए एकत्र हुए थे। रोड शो के दौरान धामी ने जनता का अभिवादन स्वीकार किया और अपनी सरकार के प्रति उनके विश्वास के लिए आभार जताया।
इस भव्य आयोजन के बाद मुख्यमंत्री ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने अपनी सरकार की तीन वर्षों की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्यकाल केवल योजनाओं की घोषणाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस कार्यों के जरिए जनकल्याण को साकार करने का प्रयास किया गया है।
संकीर्ण मानसिकता से बचने की मुख्यसेवक धामी की अपील
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बोलने में सावधानी नहीं रखते, जिससे कभी-कभी क्षेत्रवाद या जातिवाद की बातें सुनाई देती हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि उत्तराखंड का कोई भी व्यक्ति यदि संकीर्ण क्षेत्रवाद या जातिवाद की बात करता है, तो वह न केवल उन आंदोलनकारियों के बलिदान के साथ अन्याय करता है, जिन्होंने इस प्रदेश के निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, बल्कि वह अपनी मातृभूमि के खिलाफ भी कार्य करता है। उन्होंने सभी को आपसी एकता और भाईचारे को बनाए रखने की अपील की।
जनता को समर्पित योजनाओं का लाभ और रिपोर्ट कार्ड
जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सम्मानित किया और उनके अनुभवों को साझा किया। इससे स्पष्ट हुआ कि सरकार की योजनाएं केवल कागजों पर नहीं, बल्कि वास्तविक रूप से जनता के जीवन में बदलाव ला रही हैं। धामी सरकार द्वारा पेश किया गया रिपोर्ट कार्ड इस बात का प्रमाण था कि इन तीन वर्षों में राज्य ने आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “यह तीन साल जनता की सेवा में समर्पित रहे। हमने प्रदेश के विकास, युवाओं के भविष्य, महिलाओं के सशक्तिकरण और किसानों की समृद्धि के लिए नीतिगत फैसले लिए हैं। उत्तराखंड को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के हमारे संकल्प को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है।”
जनहित में लिए गए ऐतिहासिक फैसले
मुख्यमंत्री धामी ने अपने कार्यकाल में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों को भी जनता के सामने रखा, जिनमें प्रमुख रूप से—
समान नागरिक संहिता (UCC): उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना, जिसने इसे लागू किया।
नकल विरोधी कानून: प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए देश का सबसे सख्त कानून लागू किया गया।
लैंड जिहाद पर सख्त कार्रवाई: प्रदेश की सांस्कृतिक अस्मिता और सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए गए।
चारधाम यात्रा का विस्तार: श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में बड़े विकास कार्य किए गए।
बुनियादी ढांचे में सुधार: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, पर्वतमाला रोपवे परियोजना जैसी योजनाओं से प्रदेश की कनेक्टिविटी मजबूत हुई।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023: उत्तराखंड में रिकॉर्ड निवेश आया, जिससे हजारों युवाओं को रोजगार मिला।
अगले कदम : ‘विकसित उत्तराखंड’ की ओर बढ़ता प्रदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार केवल तीन साल की उपलब्धियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि प्रदेश को ‘विकसित उत्तराखंड’ बनाने के लिए आगे भी इसी गति से कार्य करती रहेगी। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में राज्य में नए रोजगार के अवसर सृजित करने, पर्यटन को और अधिक समृद्ध बनाने, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष योजनाएं लागू करने और आधारभूत संरचना को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
धामी सरकार के तीन साल केवल राजनीतिक स्थिरता के प्रतीक नहीं रहे, बल्कि उन्होंने उत्तराखंड में सुशासन, विकास और सामाजिक समरसता की मजबूत नींव रखी है। इस अवधि में सरकार ने ऐतिहासिक फैसले लिए, जिनका सीधा लाभ प्रदेश की जनता को मिला। भव्य रोड शो, जनसभाएं और बहुउद्देशीय शिविरों के माध्यम से इस अवसर को मनाकर सरकार ने यह संदेश दिया कि उसकी प्राथमिकता सदैव ‘जन सेवा’ ही रहेगी।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि उत्तराखंड केवल भौगोलिक सीमाओं से नहीं बंधा, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक एकता का प्रतीक है। उन्होंने क्षेत्रवाद और जातिवाद जैसी संकीर्ण मानसिकताओं को नकारने और उत्तराखंड के विकास में एकजुट होकर योगदान देने की अपील की।
प्रदेश अब आत्मनिर्भरता, समृद्धि और सतत विकास की ओर अग्रसर है, और धामी सरकार इसी विजन के साथ उत्तराखंड को देश का सबसे सशक्त और खुशहाल राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।