हरिद्वार: कुंभ समापन की घोषणा से बैरागी संत नाराज हो गए हैं। जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा कर दी है कि कुंभ अपनी तय अवधि तक चलेगा।
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार कुंभ में पहुंचे निरंजनी और आनंद अखाड़े के 17 अप्रैल को कुंभ समापन की घोषणा के बाद अब संतों के बीच गतिरोध पैदा हो गया है।
एक ओर कुंभ समापन की घोषणा से बैरागी संत नाराज हो गए हैं तो वहीं दूसरी ओर जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा कर दी है कि कुंभ अपनी तय अवधि तक चलेगा।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि कुंभ किसी संस्था या अखाड़ा का नहीं है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा की कि कुंभ ज्योतिष है और अपनी अवधि तक चलेगा। कोरोना नियमों का पालन करते हुए शंकराचार्य छावनी लगी रहेगी।
निरंजनी अखाड़े द्वारा कुंभ समापन की घोषणा से बैरागी संत नाराज हो गए हैं। निर्मोही, निर्वाणी और दिगम्बर अखाड़े ने निरंजनी और आनंद अखाड़े के संतों से माफी की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मेला समापन का अधिकार केवल मुख्यमंत्री और मेला प्रशासन को है। घोषणा करने वाले संत माफी नहीं मांगते तो वह अखाड़ा परिषद के साथ नहीं रह सकते। कहा कि उनका मेला जारी रहेगा और 27 अप्रैल को सभी बैरागी संत शाही स्नान करेंगे।