देहरादून। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने उत्तराखण्ड की भाजपा की धामी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में लागू किए गये यूसीसी पर पर टिप्पणी करते हुवे कहा कि “यह न तो एकरूप है, न ही यह बिल्कुल भी नागरिक है। पार्टी ने कहा यह सबसे असभ्य संहिता है। पार्टी ने कहा है कि यह निर्देशक सिद्धांतों के अनुच्छेद 44 के तहत संवैधानिक समझ के खिलाफ है पार्टी ने कहा है कि इस विधेयक का महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है और इसका सब कुछ भाजपा-आरएसएस के संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा है। पार्टी ने कहा है कि अगर यह महिलाओं के लिए इतना ही हितैषी है, तो आदिवासी महिलाओं को इससे बाहर क्यों रखा गया है? पार्टी ने कहा है कि यह एक प्रतिगामी कानून है जो महिलाओं के कई मौजूदा अधिकारों को छीन लेता है।
पार्टी कि बैठक में राज्य सचिव कामरेड राजेन्द्र पुरोहित ,जिलासचिव शिवप्रसाद देवलि,देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सचिवमण्डल सदस्य कामरेड लेखराज, कमरूद्दीन ,माला गुरूंग आदि ने विचार व्यक्त किये ।अध्यक्षता कामरेड भगवन्तं पयाल ने कि ,बैठक जिला कार्यालय में सम्पन्न हुई ।