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केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता आहूत की गई बैठक

देहरादून।  राज्य अतिथि गृह देहरादून में, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति -रजिस्टर्ड- उत्तराखंड- दिल्ली, के केंद्रीय पदाधिकारी, केंद्रीय कार्यकारिणी, उत्तराखंड राज्य पदाधिकारी, राज्य आंदोलनकारी मातृशक्ति, दिल्ली राज्य पदाधिकारी, उत्तराखंड के जिलों के पदाधिकारीगण, ब्लॉक अध्यक्ष, नगर अध्यक्षों, की योजना बैठक आहूत की गई, बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत द्वारा की गई।

आज भूपेंद्र सिंह रावत का जन्मदिन था, इस अवसर पर समिति के सभी पदाधिकारीयों द्वारा केंद्रीय अध्यक्ष को जन्मदिन की कोटिश: से बधाई दी गई, केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता महिमानंद भट्टकोटी, गढ़वाल प्रवक्ता सुभाष परिहार, यमकेश्वर ब्लॉक अध्यक्ष कलम सिंह राणा, द्वारा संयुक्त रूप से पुष्प गुच्छ/ माल्यार्पण एवं शाल ओढ़ाकर, केंद्रीय अध्यक्ष का स्वागत किया गया, उन्हें जन्मदिन की बधाई दी गई।

समिति के सभी पदाधिकारी/ सदस्यों- मातृशक्ति द्वारा -अध्यक्ष को जन्मदिन की बधाई दी गई, स्वागत -सत्कार किया गया, केंद्रीय अध्यक्ष एवं उपस्थित विशिष्ट अतिथियों के द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर स्वस्तिवाचन पूर्वक -कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे
मुख्यमंत्री उत्तराखंड की और से सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए, राज्य आंदोलनकारी एवं भाजपा संगठन महामंत्री आदित्यराम कोठारी बैठक में लंबी अवधि तक मौजूद रहे, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के द्वारा आज की बैठक में निश्चित किए गए एजेंडा को उन्होंने दिल के गहराई से स्वीकारते हुए, आश्वासन दिया- कि – सभी समस्याओं के निराकरण हेतु, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व्यक्तिगत वार्ता करेंगे, और उसके बाद – चिन्हित राज्य आंदोलनकारीयों के साथ वार्ता का नेतृत्व करेंगे।

मंचासीन सभी विशिष्ट अतिथियों का पुष्प गुच्छ/ स्मृति चिन्ह् -देकर स्वागत किया गया, तदुपरांत- मंचासीनअतिथियों द्वारा -सभी उपस्थित सम्मानित- चिन्हित राज्य आंदोलनकारीयों को- स्मृति चिन्ह भेंट कर -स्वागत किया गया।

आज की योजना बैठक में पांच बिंदु तय किए गए थे- जिन पर सभी आगंतुक वक्ताओं द्वारा,-अपने- अपने, अति गूढ़ विचार व्यक्त किए गए, देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत / सांस्कृतिक धरोहरों को संजोए रखने हेतु विशेष प्रयास किए जाने पर ,बल दिया गया, पहाड़ों से होने वाले पलायन- बेरोजगारी पर विशेष चर्चा की गई।
उपस्थित समिति के सभी सदस्यों द्वारा एक स्वर में अपना मंतव्य प्रकट किया गया कि, देवभूमि उत्तराखंड के भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए, सशक्त भू कानून एवं मूल निवास 1950 लागू किया जाना, यहां की सुरक्षा और संस्कृति की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है।

देवभूमि उत्तराखंड में शराब- भू माफिया- खनन माफिया और रोजगार को हड़पने वाले बाहरी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कानून लाने की आवश्यकता पर बल दिया गया,
उपस्थित वक्ताओं द्वारा अपने-अपने संबोधन में- देवभूमि उत्तराखंड में स्वरोजगार और रोजगार के संसाधन बढ़ाने हेतु- पारंपरिक कृषि -फल- उद्यान तथा सांस्कृतिक धरोहरों को रोजगार से जोड़कर- युवाओं को सार्थक दीर्घकालीन रोजगार दिए जाने बाबत, विशेष चर्चा की गई। उत्तराखंड में पलायन रोकने और कृषि को बचाए रखने के लिए -आवारा जानवरों -जंगली जानवरों के द्वारा किए जाने वाले नुकसान को रोकने के लिए- हिमाचल राज्य की तर्ज पर कानून बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता महिमानन्द भट्टकोटी -द्वारा आज की बैठक के मुख्य बिंदु पर चर्चा करते हुए संगठन महामंत्री आदित्य राम कोठारी को लिखित एवं वक्तव्य के माध्यम से अवगत कराया गया कि, उत्तराखंड राज्य बनने क 25 साल बाद भी राज्य आंदोलनकारीयों को न्याय नहीं मिल पाया है, आज भी राज्य आंदोलनकारी अपने सम्मान और हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। सर्व सम्मति से मांग उठाई गई, कि चिन्हितराज्य आंदोलनकारीयों को, राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा देकर, परिभाषित कर, उसी के अनुरूप लाभ एवं सम्मान दिया जाए।

केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता  महिमानंद भट्टकोटी  द्वारा- उपरोक्त संदर्भ में लोकतंत्र सेनानी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों का उदाहरण देकर, उत्तराखंड सरकार से मांग की गई,
कि चिन्हित राज्य आंदोलनकारीयों को राज्य निर्माण सेनानी का तत्काल दर्जा दिया जाए, ऐसा कर सरकार राज्य निर्माण करने वाले राज्य आंदोलनकारीयों के प्रति अपनी निष्ठा दिखाए। यह स्पष्ट देखा जाता है, कि सरकारी तंत्र नौकरशाही और और नेता , सरकारें, राज्य का निर्माण करने वाले -राज्य निर्माण सेनानियों को जीवन भर आंदोलनकारी ही बने रहने देना चाहते हैं, यह दुर्भाग्य का विषय है, कि आंदोलनकारीयों की दूसरी पीढ़ी भी 40-45 के पार होने वाली है। चिन्हित राज्य आंदोलनकारीयों की पुरानी पीढ़ी के 40% व्यक्ति सम्मान और लाभ की बाट देखते हुए, दिनों दिन काल के ग्रास हो रहे हैं।

पुरानी पीढ़ी समाप्ति की ओर है, ऐसे में आंदोलनकारीयों को, सरकारी लाभ मिलना क्या संभव होगा , यह विचारणीय प्रश्न है,केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत द्वारा-पिछले 21 वर्षों में लाए गए कई शासनादेश का जिक्र करते हुए बताया गया कि- स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी सरकार के द्वारा लाए गए शासनादेश में- राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा दिए जाने की बात कही गई थी, और उसी के अनुरूप 21 बिंदुओं पर सीधा लाभ दिए जाने एवं राज्याधीन सेवाओं में समूह ग-घ में राज्य निर्माण आंदोलनकारीयों के परिवार के एक व्यक्ति को सीधे नियुक्त दिए जाने का शासनादेश लाया गया था, उसके बाद कई शासनादेश और आए, जो कि आज भी ठंडे बस्ते में पड़े हैं, उन सभी अध्यादेशों को एक सूत्र में लाकर, कानूनी रूप देकर वर्तमान में-राज्य निर्माण सेनानियों को उसका लाभ दिए जाने की पुरजोर पैरवी- सम्मानित अध्यक्ष द्वारा की गई।

केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी का 10% क्षेतिज आरक्षण दिए जाने हेतु धन्यवाद किया गया , उनके द्वारा स्पष्ट कहा गया कि- पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड-  हरीश रावत  द्वारा 3100 रुपए पेंशन की गई थी, उसके बाद कई सरकारी नेता आए और गए, किसी ने ध्यान नहीं दिया, तब  धामी  द्वारा र3100 से बढ़ाकर – रु45 00 पेंशन की गई।

महिला मातृशक्ति राज्य आंदोलनकारीयों द्वारा -बैठक में इस बात पर व्यापक नाराजगी जताई गई, कि मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा दिए जाने
का आश्वासन दिया जाता रहा है,परंतु दुर्भाग्य है कि- राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा आज भी लंबित है।

आज की बैठक में केंद्रीय समिति के अधिकांश वरिष्ठ पदाधिकारी एवं दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड प्रदेश कार्य समिति, उत्तराखंड राज्य महिला पदाधिकारी, जिलों एवं ब्लॉक नगर अध्यक्षों के साथ -समिति के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, आज की बैठक में दूर दराज खटीमा – उत्तरकाशी – चमोली- रुद्रप्रयाग,पौड़ी -श्रीनगर, यमकेश्वर – टिहरी – हरिद्वार – देहरादून जनपद से समिति के महानुभावों ने बैठक में प्रतिभाग किया, बैठक में मुख्य विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता आदित्य कोठारी  राज्य आंदोलनकारी/भाजपा संगठन महामंत्री उत्तराखंड, आध्यात्मिक गुरु डॉक्टर विपिन जोशी,विजय भट्ट, सुशील पुरोहित, राजेंद्र प्रसाद खुगशाल, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष गौड़, समिति के संरक्षक रावत , संयोजक महेश गौड़ आदि अनेकों विविध विषयों के जानकार विशेषज्ञों का उद्बोधन एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, आदित्य कोठारी भाजपा महामंत्री उत्तराखंड एवं भूपेंद्र सिंह रावत केंद्रीय अध्यक्ष चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति रजिस्टर्ड- उत्तराखंड/ दिल्ली, को यथाशीघ्र- मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए अधिकृत किया गया है,
जय उत्तराखंड, जय भारत।