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जलवायु परिवर्तन से हिमालय के ग्लेशियरों पर संकट

गोपेश्वर। जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.सी.पी कुनियाल ने जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के विषय पर बोलते हुए कहा कि, इसके लिए हमें स्थानीय स्तर पर प्रयास करने होंगे।

जलवायु परिवर्तन के कारणों पर विस्तार से जानकारी देते हुए डा सीपी कुनियाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं को कम से कम करने के लिए जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के लिए आगे आना होगा। और परिवर्तन के लिए जिम्मेदार कारकों को कम से कम करने के लिए व्यक्तिगत तथा सामुहिक स्तर पर प्रयास करने होंगे।

डा कुनियाल राजकीय इंटर कालेज घिंघराण में चिरंजी लाल भट्ट पर्यावरण व्याख्यान के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

व्याख्यान का आयोजन चंडी प्रसाद भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र की ओर से पर्यावरण व्याख्यान सीरीज के तहत किया गया था।

पीपीटी के माध्यम से छात्र- छात्राओ को जलवायु परिवर्तन के बारे मे विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि,जलवायु परिवर्तन से हमारे पानी के भंडार ग्लेशियरों के गलने की रफ्तार बढ़ी है और प्राकृतिक आपदाओं में तेजी आई है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार कारकों के सबसे अधिक उत्सर्जन करने वाले देशों की भी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि, जंगलों में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं से हमारी जैव विविधता, हमारे रहन सहन और समृद्धि पर असर पड़ रहा है। मौसमीय बदलाव से वनस्पति और वन्यजीव के प्राकृतिक आवास सिमट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमें नवीनीकरण उर्जा,परिवहन, आवास, कूड़े-कचरे का उचित प्रबंधन पर ध्यान देना होगा।

प्रधानाचार्य राकेश प्रसाद थपलियाल की अध्यक्षता में सम्पन्न इस व्याख्यान में ओमप्रकाश भट्ट ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और मंगला कोठियाल  ने सर्वोदयी स्व. चिरंजी लाल  के कार्यो के बारे में बताया।

नगरपालिका गोपेश्वर के पूर्व अधिशाषी अधिकारी शांति प्रसाद भट्ट ने युवाओं को अभी से सामाजिक सरोकारो से जुड़ने के टिप्स दिए और युवावस्था के इससे जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए।

विकास केंद्र के विनय सेमवाल ने वर्तमान समय में मौसमीय बदलाव की गति को कम करने के लिए नए चिपको की जरूरत बताई।

प्रधानाचार्य राकेश चंद्र थपलियाल  ने जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या के निराकरण के लिए स्थानीय प्रयास के बारे में बताया।
संचालन  अनुसूया प्रसाद पुरोहित  एवं  रविंद्र सिंह फर्स्वाण नें संयुक्त रूप से किया।

इस दौरान व्याख्यान कार्यक्रम में तारेंद्र गडिया, पी सी डंगवाल, बबिता रावत, सुमन चंद्रवाल, सतीश बिष्ट सहित कई लोग मौजूद थे।