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कोलकाता मेडिकल प्रशिक्षु डाक्टर बलात्कार , हत्या और हल्द्वानी की महिला हिंसा पर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया 

देहरादून ।  राजधानी देहरादून में जिला मुख्यालय पर जनसंगठनों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित विशाल प्रदर्शन के माध्यम से कोलकाता मेडिकल कालेज में प्रशिश्रु डाक्टर के साथ गुण्डों द्वारा सामुहिक बलात्कार के बाद नृशन्स हत्या की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुये इस जघन्यतम अपराध में शामिल अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।जिलामुख्यालय पर आयोजित प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा है कि उत्तराखण्ड में दिनोंदिन महिला एवं दलित समाज के प्रति बढ़ रहे अपराधों पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए गत दिनों रूद्रपुर, हल्द्वानी में निजी अस्पताल की नर्स के साथ बलात्कार के बाद नृशंस हत्या के अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है । वक्ताओं ने आईएमए के देशव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हुये डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून की मांग करता है । प्रदर्शनकारियों नै पश्चिम बंगाल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई महिला पीजी प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणियॉ तथा उनकी पार्टी टीएमसी कै गुण्डों द्वारा अस्पताल में तोडफोड तथा चिकित्सकों कै साथ मारपीट व सबूतों को नष्ट करने की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुये इन गुण्डों कै खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है तथा इस सम्पूर्ण आन्दोलन में दोषी पुलिस अधिकारियों कै खिलाफ कार्यवाही की मांग भी प्रदर्शन में उठाई गई ।

वक्ताओं ने कहा है कि राज्य उत्तराखण्ड आज अपराध में हिमालयन राज्यों में सबसे आगे है । आयेदिन यहाँ अपराध बढ़ रहे है तथा नशाखोरी हमारे राज्य में आमबात है । वक्ताओं ने कहा है कि इन सबके लिये सिधैतौर पर धामि सरकार की कार्य प्रणाली तथा अपराधियों को संरक्षण मुख्य कारण है ।वक्ताओं नै कहा है कि राज्य में समाज का कमजोर हिस्सा जिनमें महिलाऐं दलित सर्वाधिक पीड़ित हैं तथा समाज का अन्य हिस्सा भी सुरक्षित नहीं ।

बिगड़ती कानून व्यवस्था कै परिणामस्वरूप लूटपाट ,चोरी अन्य अपराध की घटनाऐं आयैदिन हो रही हैं । वक्ताओं नै कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 16 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मुख्य आरोपी को मौत की सजा देने को लेकर ममता बनर्जी का सड़कों पर प्रदर्शन करना उनका दोहरा चरित्र प्रदर्शित करता है एक तरफ वह अपराधियों को बचा रहि है दूसरी तरफ इस जधन्य अपराध कै खिलाफ संघर्ष कर रहे लोगों का दमन व बदनाम करने में लगी हुई है । आज पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेजों सहित पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो रहै हैं ।

देहरादून जिला मुख्यालय पर होने वाले प्रदर्शन कि निम्न मांगे प्रमुख थी 

(1)कोलकाता मेडिकल प्रशिक्षु डाक्टर कै बलात्कार एव नृसंशन्य हत्या कै दोषियों कै खिलाफ सख्त कार्यवाही हो ।
(2)इस घृणित काण्ड कै दोषियों को सजा दैनै तथा पश्चिम बंगाल सरकार की दमनात्मक कार्यवाही कै खिलाफ संघर्ष कर राजनैतिक ,सामाजिक तथा चिकित्सकों कै खिलाफ गुण्डई करने वाले पुलिस एवं टीएमसी गुण्डों कै खिलाफ कार्यवाही की जाऐ ।
(3) कोलकाता कै पुलिस कमिश्नर सहित सभी दोषियों कै खिलाफ कार्यवाही हो ।
(4)उत्तराखण्ड राज्य में बढ़ते अपराधों पर रोक लगै ,रूद्र पुर हल्द्वानी में नर्स कै बलात्कार कै दोषि कै खिलाफ कार्यवाही की जाऐ ।

प्रदर्शनकारियों के मध्य उपजिलाधिकारी मुख्यालय शालिनी नेगी नै उपस्थित होकर ज्ञापन लिया तथा अपने स्तर से समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया ।
प्रर्दशन एस एफ आई ,जनवादी महिला समिति ‌,सीआईटीयू ,जिला किसान सभा ,महिला मंच ,बिजिविएस ,उत्तराखण्ड आन्दोलनकरि संयुक्त परिषद आदि संगठनों ने हिस्सेदारी की।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करने वालों में प्रमुख लोगों में एस एफ आई प्रदेश सचिव हिमांशु चौहान,नितिन मलेठा,अनामिका राज, माही , अंजली , मुकुल वक्ताओं में कमला पंत ,उमा भट्ट,दमयंती नेगी ,अनामिका,ज्योत्सना रावत,अधिवक्ता अनुराधा अधिवक्ता रज़िया बेग ,अविष्ठा ,कृतिका ,सोनल ,इंदु नौडियाल , सी.पी.आई(एम) जिला सचिव राजेंद्र पुरोहित, शहर कमेटी सचिव अनंत आकाश ,सीटू जिला महासचिव लेखराज , एडवा राज्य सचिव दमयंती नेगी, इंदु नोडियाल ,नुरेशा अंसारी , किसान सभा जिला सचिव कमरुद्दीन , आदि भारी संख्या में मौजद रहे ।