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रणबीर सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की जांच की मांग को लेकर सचिवालय पर प्रदर्शन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेंगे  

देहरादून। रणबीरसिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर शहीद स्थल जिलामुख्यालय देहरादून में संयुक्त पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया तथा इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर सचिवालय पर प्रदर्शन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की घोषणा की गई ।

पत्रकार वार्ता में को सम्बोधित करते हुऐ विभिन्न वक्ताओं ने कहा है कि हम पिछले काफी समय से 25 जून 024 रणबीर सिंह की जिला कारागार देहरादून में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की उच्च स्तरीय जांच को लेकर आन्दोलित हैं ,सभी उचित माध्यमों को ज्ञापन दे चुके हैं किन्तु सरकार एवं देहरादून जिलाप्रशासन द्वारा आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं गई है , बल्कि ऋषिकेश पुलिस मृतक की पत्नी रितादेवि पीछे हटने के लिऐ दबाव डाल रही है तथा अज्ञात लोगों को भेजकर डराने धमकाने का भी सिलसिला जारी है ।

फर्जी पोस्टमार्टम ,चिकित्सा प्रमाण पत्र तथा झूठी पुलिस रिपोर्ट तैयार कर रणबीर सिंह कि न्यायिक अभिरक्षा में मृत्यु को सामान्य घटना दिखाकर आरोपी ऋषिकेश पुलिस ,जिला कारागार का बरिष्ठ अधीक्षक न्यायिक जांच के माध्यम से रफा दफा करने कि फिराक में हैं ।हमने मुख्य न्यायाधीश उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ,माननीय अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत ,राज्य मानवाधिकार तथा मा अध्यक्ष राज्य पुलिस प्राधिकरण को प्रतिवेदन भेजकर न्याय की गुहार लगाई है कि मृतक सहित पीड़ित परिवार के साथ न्याय हो तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो ।

व‌क्ताओं ने कहा है कि‌ हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि हमारी बात अपने सम्मानित पत्र/इलोट्रोनिक मीडिया तथा पोर्टल के माध्यम से आमजन तथा सरकार तक पहुंचाने की कृपा करें ।हम अपनी बात रखते हुये पुनः मांग करते हैं कि

हम विभिन्न राजनैतिक दलों तथा सामाजिक संगठनों की ओर से ऋषिकेश थाना कोतवाली में 22 जून 024 को गिरफ्तार रणबीरसिंह पुत्र स्व सरोपसिंह ग्राम मन्धार तहसील घनसाली की देहरादून जिला कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच तथा पीड़ित के परिजनों को भरण पोषण हेतु समुचित मुआवजा दिलवाने का अनुरोध जिलाधिकारी महोदय देहरादून तथा जिलाधिकारी महोदय देहरादून के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार से कर चुके हैं ।

वक्ताओं ने कहा दिनांक 22जून 024 लगभग सांय 5:30 कोतवाली ऋषिकेश देहरादून पुलिस रणबीरसिंह के ढालवाला जनपद टिहरी गढ़वाल किराये के मकान पर आये तथा भद्दी भद्दी गालियां देकर उसे घसीट कर ले गये तथा कहा कि इसको हम ठीक करेंगे , पत्नी व परिजनों के बार बार गुजारिश करने के बावजूद वे अनर्गल शब्दों तथा गाली गलोज देते रहे ।आस पास पुलिस चौकियों में तलाश करने के बाद अगले दिन लगभग यानि 23 जून 024 लगभग 2 बजे रणबीरसिंह की पत्नी श्रीमती रीतादेवी कोतवाली ऋषिकेश गई तो तब तक उसके पति की पुलिस अभिरक्षा में बुरी तरह पिटाई हो चुकी थी , पुलिस ने रणबीरसिंह के खिलाफ झूठा केस दर्ज कर ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सकों से फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाई जिसके आधार पर एसजेएम ऋषिकेश कोर्ट ने रणबीरसिंह को जिला कारागार देहरादून भेजा ।
वक्ताओं ने कहा है कि,25 जून 024 दिन में मृतका की पत्नी जब अपने पति को मिलने जिला कारागार गई तो उसके पति कि हालात नाजुक थी तथा चल फिर नहीं पा रहा था तथा शरीर पर असहनीय दर्द बता रहा था तथा कह रहा था उसे जेल में नींद आदि की गोलियां दि जा रही है ,उसने अपनी पत्नी को कहा कि उसकी जान खतरे में है । कुछ घण्टे बाद सांय जेल प्रशासन ने रणबीरसिंह की मृत्यु कि सूचना उसकी पत्नी को दी ।

हकीकत यह है कि पुलिस एवं जिला प्रशासन के अमानवीय कृत्यों के परिणामस्वरूप रणबीरसिंह की मृत्यु जिला कारागार देहरादून में ही हो चुकी थी , दून अस्पताल लाना एक औपचारिकता थी ।

जेल प्रशासन एवं पुलिस दो दिन बाद रात्रि को कोरनेशन अस्पताल देहरादून में पोस्टमार्टम कर इसे सामान्य मृत्यु घोषित करने के लिऐ डाक्टरों के साथ मिलकर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयारकर पुलिस एवं जेल प्रशासन द्वारा अपने को बचाने के लिऐ कुत्सित प्रयास किया गया किन्तु रणबीरसिंह को पहुंचे गहरे जख्म साफ – साफ कर रहे थे कि दाल में कुछ काला है ।संदिग्ध परिस्थितियों में मृतक की जांच के लिऐ मृतक रणबीर सिंह की पत्नी श्रीमती रीता देवी ने जिलाधिकारी महोदय तथा बरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई ।
मान्यवर ,इस बीच सामाजिक एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से भेंटकर उन्हें यथास्थिति से अवगत कराया परिणामस्वरूप पुलिस के हाथ पांव फूल गये उसके आला अधिकारियों ने तब जाकर रणबीरसिंह की पोस्टमार्टम तथा मेडिकल रिपोर्ट परिजनों को उपलब्ध करायि जिससे पूरे षड़यंत्र आपसी मिलीभगत का खुलासा हुआ तथा संगठित अपराध का पर्दाफाश हुआ किस हद तक तथाकथित जिम्मेदार लोग बर्दी तथा अपने ओहदों का दुरूपयोग कर सकते हैं ,पता चला है कि इस प्रकरण में कोतवाली ने दो पुलिसकर्मियों निलम्बित कर पुलिस ने अपने घृणित अपराध में पर्दा डालने की कोशिश की ।

पोस्टमार्टम ,पुलिस रिपोर्ट ,मेडिकल रिपोर्ट तथा जेल अधीक्षक अपनी अपनी रिपोर्ट में एक सुर बोल रहे हैं कि उसे पुरानी बीमारी थी ,वह दारूबाज था ,अभियुक्त के रूप में रणबीरसिंह की प्रथम मेडिकल रिपोर्ट  स्पेशल जुडिशियल मजिस्ट्रेट ऋषिकेश ने भी देखि ऐसा लगता रणबीरसिंह की नाजुक हालात का एहसास नहीं कर पाये परिणामस्वरूप इतनी अमानवीय घटना हुई ।

वक्ताओं ने कहा है कि ,रणबीरसिंह कि अवैध गिरफ्तारी से मौत तक तथा उसके बाद जो फर्जी मेडिकल/पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर रणबीरसिंह के साथ हुऐ जधन्य कृत ने साबित कर दिया किस तरह कानून के रखवालों ने कानून के साथ खिलवाड़ कर रणबीरसिंह की हत्या को हादसे में बदल दिया ।

वक्ताओं ने कहा है कि रणबीरसिंह कि अन्तेष्टि के लिऐ शव परिजनों चन्द्रभागा पुल पर कोतवाली ऋषिकेश ने यह कर सौंपा कि यहीं तक उनका कार्यक्षेत्र है ,जबकि इससे तीन दिन इसी कोतवाली कि पुलिस बिना अनुमति के दूसरे जिले में जाकर रणबीरसिंह को गिरफ्तार करती है ,ऋषिकेश पुलिस कर्मियों अमानवीयता को दर्शाने के लिऐ प्रर्याप्त है ।यही नहीं जिलाधिकारी महोदया के हस्तक्षेप के बाद कोतवाली पुलिस तथा पुलिस आला अधिकारियोंं द्वारा रणबीरसिंह के परिजनों को दस्तावेज उपलब्ध कराये जिससे तमाम कुचक्रों का खुलासा हुआ ।
वक्ताओं ने कहा है कि ,देहरादून में कुछ साल पहले हुऐ फर्जी रणबीर इनकाऊन्टर के बाद जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों के अनेक कृत्यों के बाद रणबीरसिंह के साथ ऋषिकेश पुलिस अभिरक्षा से लेकर सुद्धोवाला जेल में जो कुछ हुआ वह मानवता को शर्मशार करने वाली जघन्यतम घटना है जिसमें मानवाधिकारों का खुलेआम उलंघन हुआ है ।ताकत एवं पैसे के बल पर सब कुछ खरीदा गया है ।

न्यायहित में आपसे तत्काल निम्नलिखित अनुरोध करता है ;-
(1)रणबीरसिंह की अभिरक्षा में हुई संदिग्ध मृत्यु कि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायधीश से जांच करवाई जाय ।
(2)सम्भव हो सके तो इस संदिग्ध मृत्यु कि जांच स सिबिआई से करवाई जाये ।
(3) जांच के दायरे में कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ,क्षेत्राधिकारी पुलिस ऋषिकेश ,चिकित्साधिकारी राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश ,बरिष्ठ जेल अधीक्षक जिला कारागार एवं उसे जुड़े स्टाफ ,दून अस्पताल के चिकित्सक तथा पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों तथा ऋषिकेश एजेएम कोर्ट प्रक्रिया को शामिल किया जाये ।
(4) मामले से जुड़े सभी के खिलाफ निलम्बन तथा स्थान्तरण कि कार्यवाही सुनिश्चित की जाये ।
(5)मृतक के परिजनों की जानमाल की सुरक्षा की जाये ।
(6)रणबीरसिंह कि विधवा तथा तीन बच्चों के भरण पोषण के लिऐ सरकार समुचित दे ।
पत्रकार वार्ता में ,नवनीत गुंसाई
केन्द्रीय अध्यक्ष ,सुरेन्द्र सिंह सजवाण प्रदेश अध्यक्ष किसान सभा ,राजेन्द्र पुरोहित /अनन्त आकाश जिलासचिव /देहरादून सचिव सीपीएम ,एडवोकेट प्रमिला रावत बरिष्ठ नेत्री
उत्तराखण्ड क्रान्तिदल
नुरैशा अंसारी जनवादी महिला समिति उत्तराखण्ड
लेखराज ,महामंत्री सीआईटीयू
सुरेशकुमार जिलाध्यक्ष
चिन्तन सकलानी प्रवक्ता
उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद
एडवोकेट शम्भूप्रसाद ममगाई
महामंत्री ,ailu
एडवोकेट रंजन सोलंकी
सदस्य बार कौंसिल ,उत्तराखण्ड देहरादून नितिन मलेठा
राज्याध्यक्ष एस एफ आई ,
प्रभात डण्डरियाल
अध्यक्ष नेताजी संघर्ष समिति
दीप्ति रावत ,बिष्ट संयोजिका ,सुभागा फर्सरवाण
सामाजिक कार्यकत्री ,आजम खानअध्यक्ष ,भीम आर्मी देहरादून ,वालेश बवानिया आरयूपि ,जगमोहन रावत ,
पत्रकार वार्ता के बाद किसान नेता कमरूद्दीन ‌,सुधा देवली ,अमर बहादुर शाहि,बिजय भट्ट ,इन्द्रेश नौटियाल, अमित पवार ,जगमोहन रावत जे सी बहुगुणा, रामपाल सरोजनी थपलियाल , दुर्गा ध्यानी ,विप्लव अनन्त आदि ने विचार व्यक्त किये ।