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पोखरी में स्थित उत्तराखँड के सँस्कृत ग्राम पँचायत किमोठा का भैरवनाथ मँन्दिर 

चमोली। दोस्तो ये तस्वीर जनपद चमोली के विकासखँन्ड पोखरी में स्थित उत्तराखँड के सँस्कृत ग्राम पँचायत किमोठा के भैरवनाथ मँन्दिर की है,तस्वीर में मन्दिर के ऊपर छत नहीं है,क्योंकि ये आकाश भैरव है कहते हैं यहाँ पर न जाने किस सदी में हमारे पुराने किमोठी बँसज(किँवदन्ती) कहते थे ये भैरव की त्रिसूल रूपी कटार स्वयँ बिजली कौंधती हुई आसमान से जमीन पर आयी थी,और यहीं पर स्थापित हो गयी पुरानों ने इसी स्थान पर पँगरोली खोला (गाँव का मुहल्ला)में इसे मन्दिर का स्वरूप देना चाहा था।

कहते हैं वो रुप टिका नहीं और तब ये माना गया कि ये साक्षात आकाश भैरव हैं।इसके पुजारी किमोठा गाँव के ही तिवारी खोला के (ठुल्ली मौ) के वँशज हैं जिनको मात्र इसके विधि विधान से पूजनै का अधिकार है,पर बर्तमान में पलायन के कारण मँन्दिर में कोई भी ग्रामवासी दर्शन कर अपनी स्वयँ की पूजा करता है,पर सामूहिक पूजन का अधिकार सिर्फ ठुल्ली मौ वालों का है,बर्तमान समय में यहाँ पर सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य ज्योतिषाचार्य,कथावाचक आचार्य ओमप्रकाश किमोठी  एवँ उनके परिवारजनों द्वारा यह पूजन किया जाता है,ग्राम देवता भैरवनाथ के साक्षात दर्शन यहाँ पर होते हैं और सभी ग्रामीणों की समस्त मनौकामनाँए पूर्ण होती हैँ,।

में बाबा भैरवनाथ जी से प्रार्थना करता हूँ,समस्त बन्धु बाँन्धवों,इष्ट मित्रो,और शुभचिन्तकों को यथा स्थान,सकुटुँम्ब,सपरिवार,आरोग्य रखे,तो बोलो जय भैरवनाथ की और पढ़ते रहो,अमर उत्तराखँड।