देहरादून। प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में मँडी समिति देहरादून के पूर्व अध्यक्ष रविंन्द्र सिंह आनन्द ने कहा 26 फरवरी 2024 को विधान सभा सत्र गैरसैण में होना था जो देहरादून में सरकार और उनके विधायक मँत्रियों की मिलीभगत के कारण गैरसैण में नहीँ हो पाया।पर्वतीय क्षेत्रों से चुनाव जीतकर आने वाले विधायकों और मँत्रियों को पहाड़ की पीडा़ नहीं है। ये लोग देहरादून में अपना मकान बनाकर अपने बच्चों को यहाँ पढा़ लिखाकर और शादियाँ तक देहरादून शहर में करवा रहे हैं। आखिर इन मँत्रियों ,विधायकों,को पहाड़ से प्रेम क्यों नहीँ है।ये वँही क्यों नहीं रहते अपने बच्चों को वहीं क्यों नँही पढा़ते।सत्र को गैरसैण में न कराने के प्रस्ताव पर 38 विधायकों एवँ मँत्रियों के नाम शामिल हैं ,जबकि आर टी आई में जो जानकारी उनको दी गयी है उसमें महज 24 विधायकों के नाम दिए गये हैं।
आनन्द ने कहा मुख्यमँत्री भी इसमें शामिल हैं। विपक्ष के काँग्रेसी नेता भी गैरसैण में सत्र के विरोधी रहे हैं।जब पहाड़ के नेता पहाड़ की बात नहीं करैंगे,वहाँ स्वयँ निवास नहीं करैंगे तो पहाड़ और पहाडि़यों का दर्द कौन सुनेगा समझेगा ये लोग पलायन आयोग बनाकर महज खानापूर्ति करते हैं। महज ठँड के कारण सत्र देहरादून में करवाना उचित नहीँ है।उन्होंने कहा उत्तराखँड राज्य का निर्माण पहाडी़ क्षेत्रों के विकास के लिए हुआ था पर आज ये महज बातों तक ही सीमित रह गया है। आनन्द ने कहा वो हमेसा,जल,जँगल,जमीनों की लडा़ई लड़ते आए हैं और पहाड़ के विकास के लिए हमेसा लड़ते रहेंगे।पत्रकार वार्ता में,वी के कपूर,जीएल सदाना,मुक्तेस हाँडा,अँकुर वर्मा,और अमित सिंह चौहान मौजूद रहे।