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दलबदल की राजनीति के बीच जानें, किसने थामा किसका दामन

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में दलबदल की सरगर्मियां लगातार बनी हुई है, किसी धारावाहिक की तरह 2022 के विधानसभा में लगातार उतार-चढाव देखने को मिल रहे हैं | वहीं टिकटों की घोषणा से पहले ही कई नाम राजनीतिक पार्टियों में शामिल होने व पार्टिया बदलने के कारण सुर्खियों में बने हुए हैं | जिनमे से एक भाजपा से निष्कासित हुए हरक सिंह रावत को कांग्रेस में आखिरकार दोबारा एंट्री मिलने की खबरें चर्चाओं में आ रही हैं |

पिछले तीन दिनों से कांग्रेस में शामिल होने के लिए हरक की जद्दोजहत अब ख़त्म होती दिख रही है और साथ ही चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ होता दिख रहा है | वहीं दूसरी ओर इधर, दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई रिटायर्ड कर्नल विजय रावत के बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी का कद विरोधी पार्टियों से बढ़ गया है |

सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस हाईकमान ने हरक सिंह रावत की पार्टी में वापसी को लेकर अपना मन बना लिया है और उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने के लिए भी पार्टी में अंदरूनी स्तर पर सकारात्मक फैसला भी किया जा सकता है | इससे पहले तीन दिनों से ज़्यादा समय से हरक सिंह रावत लगातार कांग्रेस में वापसी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी खुले तौर पर माफी मांग चुके थे, जिसके बाद हरीश रावत ने भी उन्हें माफ कर देने के संकेत दिए थे | अब कांग्रेस में हरक सिंह की वापसी को लेकर आधिकारिक पुष्टि का इंतज़ार किया जा रहा है.

वहीं कईं खबरें आ रही हैं कि 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले लाल अब भाजपा का दामन थामने का बन रहे हैं, जिन्होंने पिछले साल करीब दो महीने पहले ही नवंबर में कांग्रेस जॉइन करी थी | भाजपा में शामिल होने जा रहे कांग्रेसी नेता दुर्गेश्वर लाल के कारण कांग्रेस पार्टी को एक और झटका लग सकता है | आशंका है कि भाजपा जॉइन करने जा रहे दुर्गेश्वर लाल को पार्टी पुरोला से टिकट की दावेदारी दे सकती है | पिछले चुनाव में निर्दलीय लड़ने वाले लाल को 13805 वोट मिले थे|