देहरादून: अब तमाम कर्मचारी संगठन का यह महासंघ एकजुट होकर हक की लड़ाई लड़ेगा। रविवार को एक होटल में उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच की बैठक बुलाई गई। इसमें विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने एकजुटता के साथ महासंघ का गठन करने को अपना समर्थन दिया। सर्वसम्मति से एकता मंच को महासंघ का स्वरूप देते हुए इसका नाम उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ रखने का निर्णय लिया गया।
हड़तालों के प्रति जवाबदेही, गोल्डन कार्ड, बेवजह रोकी गई पदोन्नति, एसीपी व पदोन्नति में शिथिलीकरण जैसे मुद्दों पर सरकार व ब्यूरोक्रेसी के रवैये से कार्मिकों में व्याप्त रोष को देखते हुए आगामी गतिविधियों का भी एलान किया गया। इसके तहत एक अक्तूबर को गांधी पार्क पर महासंघ पहले सांकेतिक प्रदर्शन करेगा।
इसके बाद दोपहर दो बजे देहरादून के कचहरी परिसर स्थित शहीद स्थल पर विचार गोष्ठी का आयोजन करेगा। इसके बाद दो अक्तूबर को महासंघ के पदाधिकारी रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्थल पर आंदोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडे की अध्यक्षता में यह बैठक हुई, जिसका संचालन महासचिव दिगंबर फुलोरिया ने किया। बैठक में अपर निदेशक गढ़वाल मंडल डॉ. महावीर बिष्ट भी शामिल हुए।
बैठक में प्रमुख रूप से राजकीय शिक्षक संघ, कोषागार कर्मचारी संघ, रोडवेज यूनियन, शिक्षा अधिकारी सेवा संघ, प्रधानाचार्य एसोसिएशन, ऊर्जा निगम कर्मचारी संघ, पेंशनर्स एसोसिएशन, अशासकीय विधालय प्रधानाचार्य परिषद, ग्राम्य विकास मिनिस्टीरियल संघ, उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ, मत्स्य निरीक्षक संघ, मिनिस्टीरियल फेडरेशन, कलेक्ट्रेट मिनिस्टीरियल संघ, पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा सहित दर्जनों संघों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडे ने एकता मंच के गठन से लेकर आज तक के रचनात्मक क्रियाकलापों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि मंच का उदय ही शहीदों के सपने को साकार करने के लिए हुआ है। जवाबदेही के सवाल को लेकर छेड़ी गई एकता की मुहिम को मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प लेते हुए जिम्मेदार संघों के शीर्ष पदाधिकारियों ने खुला समर्थन दिया है, उससे कार्मिकों की मांगों के शीघ्र समाधान की उम्मीद जगी है।
कार्मिकों की सभी कॉमन मांगों व उनके समाधान पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी मांगों को लेकर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में तय हुआ कि एकता मंच के मौजूदा नेतृत्व करने वाले पदाधिकारी ही महासंघ का भी नेतृत्व करेंगे। साथ ही महासंघ में सभी की भागीदारी कराने के लिए शीर्ष स्तर पर एक संयोजक मंडल का गठन होगा।
जनपद में भी संयोजक मंडल नामित किए गए। बैठक में शिक्षा अधिकारी एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव एसपी सेमवाल, अमित रंजन, मौ. इमरान, स्वरूप जोशी, कार्यवाहक अध्यक्ष दीपक जोशी, धीरेंद्र पाठक, सीताराम पोखरियाल, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, केके डिमरी, डॉ. शैलेंद्र मंमगाई आदि मौजूद रहे।
इन मांगों पर लड़ेगा महासंघ
कार्मिक एकता महासंघ, गोल्डन कार्ड की खामियां दूर करने, पुरानी एसीपी व्यवस्था बहाल करने, शिथिलीकरण नियमावली 2010 को प्रभावी करने, एक अक्तूबर 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकों को पुरानी पेंशन देने, पदोन्नति के सभी रिक्त पदों को 15 दिन के भीतर भरने, पति-पत्नी दोनों के सेवारत होने की दशा में दोनों को किराया भत्ता देने, तबादला एक्ट का क्रियान्वयन करने, बेसिक से एलटी समायोजित, पदोन्नत शिक्षकों के चयन प्रोननत की अनुमन्यता, राजकीय कार्मिकों के लिए निर्गत शासनादेशों को निगमों में भी लागू करने, तृतीय, चतुर्थ श्रेणी व वाहन चालकों के वेतनमान बढ़ाने, समूह ग के कार्मिकों का प्रारंभिक वेतनमान 2800 और समूह घ के कार्मिकों का 2000 रुपये करने की मांगों के लिए लड़ाई लड़ेगा।