देहरादून: उत्तराखंड मिनिस्ट्रियल फेडरेशन ऑफ सर्विसेज एसोसिएशन के कर्मचारियों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर एक लंबे सुनियोजित आंदोलन की तैयारी की गई है।
जिसका असर सोमवार से दिखना शुरू हो जाएगा। कर्मचारी 5 अप्रैल तक काला फीता बांधकर काम करेंगे। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से कार्य बहिष्कार और हड़ताल की जाएगी।
उत्तराखंड मिनिस्ट्रियल फेडरेशन ऑफ सर्विसेज एसोसिएशन का प्रदेश व्यापी प्रदर्शन की शुरुआत हो चुकी है। सोमवार से इसका असर प्रदेश के अलग-अलग विभागों में दिखना शुरू हो जाएगा।
पहले चरण में कर्मचारी काला रिबन बांधकर काम करेंगे। दूसरे चरण में 5 अप्रैल से 8 अप्रैल तक कर्मचारियों द्वारा 2 घंटे कार्य बहिष्कार होगा।
अगर फिर भी सरकार द्वारा मांग पूरी नहीं की गई तो तीसरे चरण में 12 अप्रैल को पूरे दिन हड़ताल की जाएगी और फिर सीएम को ज्ञापन सहित अनिश्चितकालीन हड़ताल पर विचार किया जाएगा।
शासन द्वारा कर्मचारियों की एसीपी लाभ को खत्म करने और उसकी वसूली को लेकर किए गए आदेश को निरस्त करने की मांग।
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद पर पदोन्नति के लिए सेवा की अवधि को 25 वर्ष से घटाकर 22 वर्ष करने की मांग ट्रांसफर एक्ट की विसंगतियों को दूर करने की मांग।
अन्य संवर्गों की तरह मिनिस्टर संवर्ग को डीए वाहन बता दिए होते टीए और अभिलेख अनुरक्षण भत्ता।
अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की मांग.मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद की गरिमा के अनुरूप कर्तव्य और दायित्व की मांग।
कनिष्ठ सहायक पद पर भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक और 1 वर्ष के लिए का कंप्यूटर डिप्लोमा की अनिवार्यता की मांग।