देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने नंदा की चैकी, पौंधा व खारा खेत गांव जो ब्रिटिश सामराज्य के नमक सत्याग्रह स्थल तक पदयात्रा कर महात्मा गांधी को नमन करते हुए नमक सत्याग्रह के स्मारक स्थल तक पदयात्रा कर स्मारक पर स्वतंत्रता आन्दोलन में अपने प्राणों की आहूति देने वालें शहीदों को याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सर्वोदया आन्दोलन से जुड़े लोगों को सम्मनित किया।
इस अवसर महात्मा गांधी की दाड़ी यात्रा के युवा आन्दोलनकारी खड़क बहादुर बिष्ट व ज्योतिराम काड़पाल भी शामिल थे।
न्हांेने कहा कि देहरादून के खारा खेत में नमक बनाकर दी गई थी ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती राजधानी से महज 18 किलोमीटर दूर इस गांव ने भी नमक सत्याग्रह में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया था जहॉ महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह की यादें बरकरार है।
यहा नून नदी के नमकीन पानी से आजादी के मतवालों ने वर्ष 1930 में नमक बनाकर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी। यहा बने स्मारक को पर्यटन विभाग ने संजोया तो है लेकिन यहा तक पहुॅचने वाली सड़क बदहाल है वर्ष 1930 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी के दीवाने देशभर में नमक कानून तोड़ने के लिये एकजुट हो रहे थें।
20 अप्रैल की दोपहर अखिल भारतीय नमक सत्याग्रह समिति के बैनर तले महावीर त्यागी व साथियों की अगुवाई में आजादी के मतवाले खाराखेत में एकत्रित हुए और नमक बनाकर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती थी उन्होने पुरानी यादों का स्मरण करते हुए बताया कि आन्दोलनकारियों ने वहां साम मई 1930 तक छह टोलियों में नून नदी पर नमक बनाया और फिर शहर के टाउन हॉल में बेचते हुए गिरफ्तार हुए।
पूर्व मुखमंत्री अपने कार्यकाल में खारा खेत में कराये गये कई कार्यो को भी गिनाया। खाराखेत में जिस स्थान पर नमक कानून तोड़ा गया था, वहां मौजूद महात्मा गांधी के स्तम्भ पर इन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक पर उन्होने पुष्प भी अर्पित किये।
पदयात्रा में सर्वोदय मंड़ल से कुसुम रावत, देवेन्द्र बहुगुणा, अशोक नारंग, विजय शंकर शुक्ला, इंदु शुक्ला, हरवीर कुशवाह व वरिष्ठ कांग्रेस नेता शंकर चंद रमोला, आजाद अली, विनोद चैहान, गुलजार, राकेश नेगी, लक्ष्मी अग्रवाल, ग्राम प्रधान सुमन, राजीव जैन, सुशील राठी, प्रीत ग्रोवर, संग्राम सिंह पुण्ड़ीर, व अन्य सैकड़ों साथी मौजूद रहे।