देहरादून: 13 असम रायफल के हवलदार रणबीर सिंह रावत सेलून मणिपुर में 27 जनवरी की सुबह पेट्रोलिंग में वापसी के दौरान आतंकी गुटों की गोली लगने से शहीद हो गए। हवलदार रणबीर सिंह रावत हल्द्वानी व मूल रूप से थराली के रहने वाले थे।
शहीद हवलदार का पार्थिव शरीर आज शुक्रवार को उनके हल्द्वानी स्थित निवास पहुंचा। जहां चित्रशिला घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर पुत्र मनीष एवं प्रियांशु ने शहीद रणबीर सिंह को मुखाग्नि दी।
बताया गया कि 27 जनवरी को मणिपुर में सुबह 9.30 बजे पेट्रोलिंग के दौरान हल्द्वानी निवासी हवलदार रणबीर सिंह रावत गोली लगने से शहीद हो गए। वह ब्रैवो कंपनी 13 असम राइफल में हवलदार थे। सेलून मणिपुर इंफाल में रात्रि गश्त के बाद वह अपनी टुकड़ी के साथ वापस आ रहे थे और सुबह 9.30 बजे घात लगाकर इनके ऊपर हमला किया गया।
बताया जा रहा है कि हमला स्थानीय आतंकी गुटों ने किया है। हमले में गोली लगने के बाद रणबीर सिंह रावत बुरी तरह घायल हो गए और आर्मी के अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार रानीबाग घाट पर किया गया।
वह मूलरूप से थराली (चमोली) के रहने वाले हैं, फिलहाल हल्द्वानी के पंचायत घर क्षेत्र में उनका निवास है। वह अपने पीछे दो बच्चे, पत्नी और मां को छोड़ गए हैं। हवलदार रणबीर सिंह रावत आर्मी में 23 साल पहले वह भर्ती हुए थे