देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज गंगा मैया की जय जयकार कर हर की पैड़ी में डुबकी लगाई। गंगा स्नान कर रावत ने केंद्र और राज्य सरकार पर कुम्भ की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
बुधवार को ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी में गंगा स्नान कर पूर्व सीएम हरीश रावत ने एकला चलो की राह पकड़ ली है। कुछ समय पहले तक कांग्रेस संगठन के कार्यक्रमों में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश के साथ एक मंच पर दिखायी दे रहे हरीश रावत अब अपनी ही पार्टी में विपक्षी धर्म का निर्वाह कर रहे हैं।
आज पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत हरीश रावत ने बुधवार को गंगा में डुबकी लगाई। इस दौरान उन्होंने कुम्भ के सकुशल सम्पन्न होने की कामना भी की। दो दिन पहले उन्होंने अपने ट्वीट में कुम्भ को लेकर चिंता जाहिर की थी। जेबें भरने का आरोप लगाते हुए कुम्भ के कार्यों कर तीखी टिप्पणी भी की थी।
हालांकि, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार करते हुए स्पष्ट किया था कि कुम्भ दिव्य व बेदाग होगा।
।फिलहाल, हरीश रावत की हर की पैड़ी पर डुबकी से यह साफ हो गया कि भाजपा को एकला घेरने के साथ साथ वो कांग्रेस नेतृत्व को भी अपनी अकेले राह पकड़ने वाली गणित का गुणा भाग भी समझाने की कोशिश कर रहे है। 2022 के चुनाव में सामूहिक नेतृत्व से असहमत हरीश रावत चेहरा घोषित करने की बात कह रहे हैं।
पार्टी नेतृत्व ने इस मुद्दे पर अपने पत्ते नही खोले हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुंभ हो भी रहा है या नहीं केवल रंगाई पुताई करके कुंभ के नाम पर कमाई कर लीपापोती की जा रही है। हरिद्वार दौरे के दौरान हरीश रावत अखाड़ों के सन्तों, महन्तों व आश्रमों में पहुंचकर उनका आशीर्वाद भी लेंगे। हरीश रावत का कहना है कि अखाड़े भारतीय संस्कृति के संवाहक और संत सनातन धर्म के संरक्षक हैं। इससे पूर्व हरिद्वार पहुंचने पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने हरीश रावत का जोरदार स्वागत किया।