देहरादून: कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के लाखों लोगों का काम चैपट हो गया है। प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मद्देनजर चारधाम यात्रा भी स्थगित हो गई है। चारधाम यात्रा स्थगित होने से सबसे ज्यादा असर टैक्सी-मैक्सी चालकों पर पड़ रहा है।
गौर हो कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय ठप पड़ गया है। आलम ये है कि लोगों को मजबूरन अपना काम बंद कर खेती-बाड़ी करनी पड़ रही है। उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार खुद अपने गांव में खेती रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी ट्रैवल एजेंसी में करीब 40 गाड़ियां हैं, जिनके पहिए थम चुके हैं।
कुछ ड्राइवर अपने आप छोड़कर चले गए हैं, कुछ को निकालना पड़ा है। ऐसे में वह स्वयं अपने गांव आकर अपने परिवार के साथ खेती-बाड़ी कर रहे हैं। कोरोनाकाल में लोगों का व्यापार और काम बंद होने से लोग आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं।
मसूरी टैक्सी मैक्सी से जुड़े लोग इन दिनों दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। सुंदर सिंह पंवार का कहना है कि सरकार द्वारा टैक्सी-मैक्सी संचालकों की किसी भी प्रकार से मदद नहीं की जा रही है। जिससे टैक्सी-मैक्सी चालकों और संचालकों में सरकार के खिलाफ रोष है।
उन्होंने सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने टैक्स में छूट और आर्थिक सहायता देने की मांग की है। उन्होंने टैक्सी-मैक्सी मालिकों को रोड टैक्स में 2 साल तक छूट देने, प्रत्येक ड्राइवर को घ्10 हजार की आर्थिक मदद देने, वाहनों के सरेंडर की समय सीमा समाप्त करने, परमिट और डीएल रिनुअल निशुल्क करने समेत अन्य मांगों को सामने रखा है।