देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा ने बिजली की दरें बढ़ाने पर प्रदेश सरकार का जोरदार विरोध किया।
उन्होने कहा कि एक ओर कोरोना से प्रदेश समेत पूरे देश में त्राहि त्राहि मची हुई है। व्यापारियों के कारोबार ठप हो चुके हैं. मजदूरों को मजदूरी करना तो दूर की बात बल्कि उनके सामने 2 जून की रोटी का इंतजाम करने में मुश्किल आ रही है। ऐसे कठिन समय में विघुत नियामक आयोग द्वारा बिजली की दरें बढ़ाने से यह साफ हो गया है कि उत्तराखंड सरकार कोरोना के कारण उत्पन्न हुए मौत के माहौल में भी जनता का खून चूसने का काम कर रही है।
उन्होने कहा कि प्रदेश की लचर हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण लोग मर रहे हैं, अस्पतालों में जगह नहीं, ऑक्सिजन की भारी किल्लत है, प्रयाप्त आईसीयू और वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है, लेकिन संवेदनहीन हो चुकी प्रदेश सरकार की नजर आम और गरीब जनता की जेब पर है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि ऊर्जा निगमों के अधिकारी जनता की गाढ़ी कमाई से उगाही कर जनता का खून चूस रहे हैं और चापलूसी एवं फोटो खिंचवाने के लिए मुख्यमंत्री को राहत कोष में करोड़ों रुपये का दान कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि कोरोना की पहली लहर के बावजूद भी सरकार को दूसरी लहर से बचने के लिए 8कृ10 महीने का समय मिला था परंतु सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर राजधानी की सड़कें खुदवाती रही,पुरुस्कार लेने में व्यस्त रही और तरह तरह के टैक्स का बोझ उत्तराखंड की जनता पर डालती रही लेकिन हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार और उनके नुमाइंदों ने कोई कार्य नहीं किया। यदि समय रहते स्वास्थ्य सेवाओं पर काम किया जाता तो आज प्रदेश की यह स्थिति नहीं होती।
कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस सरकार बनाकर प्रदेश की जनता को बिजली की बढ़ती दरों से मुत्तिफ दिलाने के साथ ही जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएगी।