जोशीमठ/ चमोली: बुग्याल बचाओ अभियान के तहत पांच दिवसीय अध्ययन यात्रा शनिवार को जोशीमठ तहसील की उर्गम घाटी में सम्पन्न हो गई है।
पी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र तथा केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में चली यह पांच दिवसीय बुग्याल बचाओ अध्ययन यात्रा के दौरान उच्च हिमालय के बुग्याली इलाकों में बिखरे अजैविक कचरे को भी एकत्रित किया गया। जिसके तहत उच्च हिमालय में स्थित पनार बुग्याल,पित्रधार,पांचणी बुग्याल, रुद्रनाथ, और बंशीनारायण के क्षेत्रों से अजैविक कचरा एकत्रित किया गया और पनार बुग्याल से रुद्रनाथ पैदल पथ पर स्वच्छता और जनजागरण अभियान भी चलाया गया। रुद्रनाथ में भगवान रुद्रनाथ के पुजारी पंडित हरीश भट्ट के निर्देशन में बुग्यालों से अजैविक कचरा हटाने का कार्य शुरू किया गया।
इस अवसर पर हरीश भट्ट ने कहा कि भगवान शिव की पूजा अर्चना का सुफल प्रकृति संरक्षण में ही छिपा है। हमें इस सुंदर इलाके की यात्रा के साथ संरक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए। यात्रियों से निवेदन किया कि इस इलाके की यात्रा के दौरान जो भी अजैविक अवशिष्ट साथ लाते हैं उसे यहां न छोड़ें। साथ ही उन्होंने कहा कि शिव पत्नी पार्वती यहां प्रकृति रुप में विराजमान हैं। हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए इस लिए यहां के प्राकृतिक परिवेश को बेहतर बनाएं रखने का प्रयास करना चाहिए।
सालों से चल रहा बुग्याल बचाओ अभियान
रुद्रनाथ 2014 से सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र की ओर से बुग्याल बचाओ अभियान के तहत हर साल अलग अलग इलाकों में अध्ययन यात्राएं और स्वच्छता अभियान की श्रृंखला शुरू की जाती है।
2014 की नंदा देवी राजजात यात्रा के तत्काल बाद केंद्र की ओर से बेथनी बुग्याल और फिर सुतोल से शिलासमुद्र के इलाके में अध्ययन और अजैविक कचरे के लिए स्वच्छता अभियान संचालित करने के साथ 2014 से इन बुग्याल बचाओ यात्राओं की शुरुआत हुई थी। इस अध्ययन यात्रा में ग्रामीण, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और वनकर्मी भाग ले रहे हैं।
पांच दिवसीय इस अभियान के तहत पहले दिन सगर से पनार बुग्याल, दूसरे दिन पनार से रुद्रनाथ तथा तीसरे दिन रुद्रनाथ से डुमक तथा चौथे दिन डुमक से बंशीनारायण बुग्याल के इलाके का अध्ययन और अजैविक कचरा एकत्रित किया गया।
इस दौरान सगर से लेकर उर्गम के बीच बुग्यालों के संरक्षण को लेकर लोगों के साथ बातचीत और विचारों का आदान प्रदान भी किया गया।
अभियान दल में नवभारत टाइम्स नई दिल्ली से राकेश परमार, पहाड़ी भुला के मनोज नेगी, केंद्र के संयोजक विनय सेमवाल और प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट तथा केदारनाथ वन्यजीव वन प्रभाग के प्रदीप कुमार, लब्बु रावत,मकर सिंह राणा, अनिरुध सनवॉल,विक्रम राणा, बादर सिंह, समेत दो दर्जन से अधिक लोगों ने भागीदारी की।