देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने ने देवस्थानम बोर्ड भंग किये जाने को सरकार के अहंकार को चकनाचूर बताया है। कहा किलम्बे समय से देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों द्वारा लगातार संघर्ष जारी था, जिस पर की उत्तराखंड सरकार द्वारा तीर्थ पुरोहितों की अनदेखी की जा रही थी। वह लगातार उनको अपनी मांग को मनवाने के लिए चारों धामों में कब कपाती ठंड के बीच भी अपनी आवाज को बुलंद करना पड़ा जिसके चलते राज्य की भाजपा सरकार को अपने अहंकारी निर्णय को वापस लेना पड़ा।नेगी ने कहा कि अंततः संघर्ष में तीर्थ पुरोहितों एवं हक हकूक धारियों की विजय हुई और उत्तराखंड की घमंडी भाजपा सरकार की हार हुई।
उत्तराखंड कांग्रेस की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि भाजपा अपने अहंकार के चलते पिछले 2 वर्षों से तीर्थ पुरोहित समाज एवं हक हकूक धारियों की अनदेखी कर रही थी। जिसके चलते तीर्थ पुरोहित एवं हक हकूक धारियों की आवाज को लगातार कांग्रेस पार्टी द्वारा बल दिया गया तथा उनके हर संघर्षों में कांग्रेस पार्टी ने राज्य में प्रमुख भूमिका निभाई जिसके चलते भाजपा को औंधे मुंह अपना निर्णय वापस लेना पड़ा।
कहा कि अब यह साबित हो गया है कि भाजपा सरकार द्वारा कोई भी निर्णय सोच समझकर नहीं लिया जाता है, सत्ता के नशे में चूर होकर राज्य की जनता को उलझन में फसाए रखने के लिए अनाप.शनाप निर्णय लिए जाते हैं, जिसका ताजा उदाहरण देवस्थानम बोर्ड है।
उन्होंने कहा कि अब भाजपा द्वारा देवस्थानम बोर्ड को बंद किए जाने की निर्णय से भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला कहा कि भारतीय जनता पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी